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मुजफ्फरपुर में गरजे बाबा बागेश्वर, कहा- ऑपरेशन सिंदूर तो ट्रेलर है, हल्दी-मेहंदी अभी बाकी है

मुजफ्फरपुर, बिहार – अपने तीखे बयानों और धार्मिक प्रवचनों के लिए चर्चित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर सियासी तेवरों के साथ मंच साझा किया। मुजफ्फरपुर के पताही चौसीमा में आयोजित विष्णु महायज्ञ में कथा के दौरान उन्होंने पाकिस्तान और चीन पर जमकर निशाना साधा और ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए कहा, "हमारी सेना ने दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारा है।"

बाबा बागेश्वर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर कोई साधारण कार्रवाई नहीं थी, बल्कि आने वाले समय की एक झलक है। उन्होंने चेताया कि "हल्दी और मेंहदी अभी बाकी है। ये 1965 या 1971 का भारत नहीं, 2025 का भारत है।"_ चीन को लेकर उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि, "हम तो चीन के चार्जर पर भरोसा नहीं करते, पाकिस्तान उसकी मिसाइलों पर विश्वास कर बैठा है।"

उन्होंने दो टूक कहा, "हमारी बेटियों ने भी पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा है। अगर पाकिस्तान भारत के बेटों से भिड़ेगा, तो उसका अंजाम क्या होगा, वो सोच ले।"

"मुजफ्फरपुर के पागलों, साथ दो, हिंदू राष्ट्र देंगे"
बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने जब मंच से मुजफ्फरपुर की धरती पर बोलना शुरू किया तो उनका भाषण धीरे-धीरे राजनीतिक रंग लेने लगा। उन्होंने कहा, "आज हमारा सौभाग्य है कि मां जानकी और बाबा गरीबनाथ की पावन भूमि पर कथा कहने का अवसर मिला। मुजफ्फरपुर के पागलों, अगर तुम साथ दो, तो हम तुम्हें हिंदू राष्ट्र देंगे।"

जातीय जनगणना पर अपनी राय रखते हुए उन्होंने कहा कि यह अच्छी पहल है, लेकिन साथ ही अमीर और गरीब की भी गिनती होनी चाहिए, ताकि सच्ची तस्वीर सामने आ सके। उन्होंने यह भी कहा, "कंधों से ऊंची छाती नहीं होती और धर्म से बड़ी कोई जाति नहीं होती।"

प्रवचन के बाद उन्होंने दिव्य दरबार सजाया, जहां 12 लोगों की सामूहिक अर्जी सुनी गई। एक युवक की अर्जी पर उन्होंने कहा, "तुम पर कोई भूत-प्रेत नहीं है। जो रात 9 बजे के बाद एक चुड़ैल से चैटिंग करता है, वही तुम्हारी सारी परेशानियों की जड़ है। उससे दूरी बना लो, तभी कल्याण होगा।"

बाबा बागेश्वर ने कहा कि इस बार वे एक दिन के लिए आए हैं, लेकिन अगले वर्ष तीन दिन के लिए मुजफ्फरपुर आएंगे। उन्होंने आशा जताई कि देश में जो भी 'प्रपंच' चल रहा है वह जल्द खत्म हो और भारत एक हिंदू राष्ट्र के रूप में उभरे। मुजफ्फरपुर में बाबा बागेश्वर की कथा को सुनने के लिए पटना, सीतामढ़ी और अन्य जिलों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे।