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ससुर की संपत्ति पर लहरिया कट मारना बंद करें लड़के : खान सर

 

बिहार के चर्चित शिक्षक खान सर के इंस्टीट्यूट में आज विशेष माहौल देखने को मिला जब केरल के पूर्व और वर्तमान बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बकरीद की शुभकामनाएं देने पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ खान सर को त्योहार की मुबारकबाद दी बल्कि उनके विवाह के लिए भी बधाई दी। इस मुलाकात के दौरान खान सर ने राज्यपाल के समक्ष बिहार के लिए दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। उन्होंने राज्य में दहेज प्रथा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की जरूरत पर बल दिया।

केरल मॉडल को बिहार में लागू करने की मांग
खान सर ने याद दिलाया कि जब आरिफ मोहम्मद खान केरल के राज्यपाल थे, तब वहां दहेज के चलते एक युवती की मौत पर उन्होंने तत्काल संज्ञान लिया था। उनकी सक्रियता के परिणामस्वरूप केरल सरकार ने प्रत्येक जिले में "एंटी डाउरी ऑफिसर" की नियुक्ति की थी। उसी तर्ज पर खान सर ने अनुरोध किया कि बिहार में भी इसी तरह की व्यवस्था लागू की जाए ताकि दहेज से जुड़ी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

दूसरा सुझाव यह था कि केरल की यूनिवर्सिटी की तरह बिहार में भी छात्रों से एक शपथपत्र (एफिडेविट) लिया जाए, जिसमें यह उल्लेख हो कि यदि वे दहेज लेते या देते पाए गए, तो विश्वविद्यालय उनकी डिग्री रद्द करने का अधिकार रखे। इस तरह की शपथ से युवा वर्ग में दहेज के खिलाफ चेतना जागेगी।

गुलाबी नंबर प्लेट की अनोखी सोच
खान सर ने दहेज में मिली गाड़ियों को चिन्हित करने के लिए खास रंग की नंबर प्लेट की मांग की। उन्होंने कहा, "दहेज की गाड़ियों को पिंक नंबर प्लेट दी जाए ताकि यह स्पष्ट हो कि यह गाड़ी लड़की के पिता की संपत्ति है। इससे लड़कियां पढ़ाई पर ध्यान देंगी, न कि दहेज जुटाने पर।" राज्यपाल जब खान सर के क्लासरूम में पहुंचे, तो वहां दिव्यांग छात्रों के लिए आरक्षित सीटें देख वे बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही वे स्वयं एक क्लास लेने के लिए यहां आएंगे।

खान सर की सराहना
राज्यपाल ने खान सर की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि वह यूट्यूब पर उनका कार्य देख चुके हैं और यह युवक समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा, “गरीब छात्रों की दुआएं इनके साथ हैं, भगवान इन्हें और ताकत दे ताकि ये और ऐसे युवा तैयार करें जो समाज के प्रति संवेदनशील हों।” इस मुलाकात का अंत रामायण के प्रसंग से हुआ, जब क्लासरूम में रखी एक गिलहरी को देखकर राज्यपाल ने श्रीराम सेतु निर्माण में गिलहरियों की भूमिका की कथा सुनाई।