BPSC ने खान सर को भेजा लीगल नोटिस, वीडियो क्लिप्स का लिंक और बयान भी भेजा, आरोपों पर सबूत मांगा गया
BPSC ने खान ग्लोबल के पांचो सेंटर पर आयोग ने नोटिस भेजा है. खान सर ने आयोग के उपर बोला था. हमला में खान सर ने आयोग को चोर चोट्टा बोला था, जिसके बाद दिल्ली के मुखर्जी नगर, करोल बाग, पटना के बोरिंग रोड और मुसल्लपुर हाट और प्रयागराज वाले सेंटर पर नोटिस भेजा है.
प्रशांत किशोर के बाद अब बीपीएससी ने पटना के मशहूर शिक्षक खान सर को नोटिस देकर उनके बयान का जवाब मांगा है. बीपीएससी छात्रों की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों के समर्थन में प्रतिष्ठित पटना के खान सर ने बिहार लोक सेवा आयोग के खिलाफ कुछ टिप्पणी की थी. अब बीपीएससी ने इसे लेकर जवाब मांगा है.
बिहार लोक सेवा आयोग के वकील ने लीगल नोटिस भेज कर उनसे जवाब मांगा है. जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत बिहार लोक सेवा आयोग मामला भी दर्ज करा सकता है. बिहार लोक सेवा आयोग ने खान सर को नोटिस देकर उनके उस बयान के बारे में पूछा है कि आपने किस तरीके से यह कहा कि बीपीएसी का सीट बेचा जा रहा है और यह सब-अध्यक्ष और अध्यक्ष के लोगों के जरिए किया जा रहा है.
बिहार लोक सेवा आयोग ने अपने लीगल नोटिस में खान सर को लेकर लिखा है कि 'आपने बिहार लोक सेवा आयोग पर आरोप लगाया है कि यह मिडिल क्लास के बच्चे हैं, कोई SDM का सीट कोई इन्हे डीएसपी का सीट बचेगा ऐसा हम होने नहीं देंगे। नॉर्मलाइजेशन में मेरी मनमानी चलेगी। अध्यक्ष द्वार खेल रचा गया है। बीपीएससी बच्चों को मेंटली टॉर्चर कर रहा है। जो पैसा खिलाएगा उसको एक्स्ट्रा नंबर मिलेगा।'
नोटिस में यह भी लिखा गया है कि 'आपने ANI न्यूज चैनल को एक इंटरव्यू दिया है जिसमें आयोग और उसके अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। जैसे कि "बकलोल कहि का कह रहा है कि विद्यार्थी नहीं है, वो अपना जैसा समझ रहा है, जैसे वो सब फर्जी नौकरी ले लिया ना "बेशरम, साला उप्पर जाके जवाब देना है। कोढ़ी फूट जाएगा। आओग ने धांधली किया है। आयोग का पूरा मिलभगत है। जब भी एसडीएम की सीट आएगा डीएसपी का सीट, आयोग सारा सीट बेच दिया जाएगा। मनु भाई चोर है आद।'
आयोग ने लिखा है कि 'यह ना ही केवल अभद्र भाषा है। बल्कि यह बहुत ही अपमानजनक भी है। जो आयोग की प्रतिष्ठा को धूमिल करता है। आपके जैसे कद के शिक्षक से ऐसी भाषा का प्रयोग कर छात्रों को भड़काने की उम्मीद नहीं की जाती है, जिसका परिणाम भयावह कानून व्यवस्था के रूप में सामने आता है।'