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राज्य के सरकारी विभागों की होगी साइबर ऑडिट, EOU को सौंपी गई जिम्मेदारी

राज्य के सरकारी विभागों की होगी साइबर ऑडिट, EOU को सौंपी गई जिम्मेदारी

राज्य में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए अब सरकारी विभागों और संस्थानों की डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में गंभीर कदम उठाया जा रहा है। सरकार ने राज्यस्तरीय साइबर सुरक्षा के लिए आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया है, जो सभी सरकारी कार्यालयों की साइबर ऑडिट कराएगी।

इस प्रक्रिया के तहत सरकारी वेबसाइटों, ऑनलाइन सेवाओं, लेन-देन और सभी डिजिटल गतिविधियों को साइबर सुरक्षा मानकों के अनुरूप जांचा जाएगा। जिन विभागों में सुरक्षा खामियां पाई जाएंगी, उन्हें चिन्हित कर जल्द ही दुरुस्त किया जाएगा।

साइबर ऑडिट में जुड़ेंगी राष्ट्रीय एजेंसियां
साइबर ऑडिट का काम सी-डैक (C-DAC), आई4सी (I4C) और अन्य विशेषज्ञ एजेंसियों के सहयोग से किया जाएगा। इसके लिए एक विस्तृत रणनीति तैयार की जा रही है, जिसके तहत चरणबद्ध ढंग से ऑडिट की प्रक्रिया शुरू होगी। इस दौरान साइबर हाइजीन, सुरक्षा प्रोटोकॉल, और संवेदनशील बिंदुओं की जांच की जाएगी ताकि स्पष्ट हो सके कि कौन-कौन से विभाग साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील हैं।

आखिर क्यों जरूरी हुआ साइबर ऑडिट?
हालिया दिनों में राज्य में साइबर अपराधों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। सरकारी वेबसाइटों पर हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं। एम्स जैसे प्रतिष्ठान का पूरा सिस्टम एक साइबर अटैक के बाद ठप हो गया था। इसके अलावा स्मार्ट सिटी परियोजना, डॉयल 112, जल आपूर्ति सेवाएं जैसी आम जनता से जुड़ी सुविधाओं की वेबसाइटें भी साइबर हमलों की चपेट में आ चुकी हैं।

इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब सरकारी संस्थानों की सुरक्षा भी उतनी ही अहम है जितनी कि आम लोगों की। ऐसे में साइबर ऑडिट कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी विभाग डिजिटल खतरों से पूरी तरह सुरक्षित हों।

साइबर ऑडिट की प्रक्रिया सभी विभागों और सरकारी प्रतिष्ठानों में शुरू की जाएगी। साइबर ऑडिट के लिए संपूर्ण व्यवस्था तैयार की जा रही है। वर्तमान में साइबर से संबंधित आपराधिक गतिविधियां सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी हैं। साइबर गिरोहों के कुछ बड़े नेक्सस भी सामने आए हैं। इन सभी की पहचान कर तेजी से सख्त कार्रवाई की जा रही है। - नैयर हसनैन खान (एडीजी, ईओयू)