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मांझी के सलाह पर CM का जवाब, कहा- शराब इम्पॉसिबल है

 

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी फिलहाल कुछ दिनों से चर्चा में बने हुए हैं। मांझी के चर्चा में बने रहने का कारण है उनके द्वारा दिए गए अटपटे बयान। मालूम हो कि मांझी ने इस बीच ब्राह्मण समाज के साथ साथ शराबबंदी को लेकर भी बयान दिया है। पिछले दिनों ही एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने शराबबंदी का माखौल उड़ाया था। उन्होंने कहा था कि सभी जानते हैं कि बिहार में शराबबंदी है फिर भी बड़े अफसर रोज राज शराब पीते हैं। शराबबंदी का शिकार अगर कोई होता है तो वह सिर्फ गरीब तबके के लोग। हालांकि, मुख्यमंत्री ने साफ कह दिया है कि राज्य में शराब असंभव है। 

आज जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान शराबबंदी पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून पारित होने के बाद विधानसभा और विधान परिषद में सभी सदस्यों ने शराब नहीं पीने की शपथ ली थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी पर अगर लोग बोलते हैं तो वह उस पर कुछ नहीं कहेंगे। हालांकि, इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन उनके इस बयान से साफ हो गया कि बिहार में शराबबंदी लागू रहेगी और बिहार में शराब असंभव है। 

गौरतलब है कि मांझी ने शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में कौन नहीं जानता कि नेता, अफसर और जज जैसे बड़े लोग सब शराब पीते हैं। उन्हें तो कोई गिरफ्तार नहीं करता है, लेकिन गरीबों को 50 मिलीलीटर शराब के लिए भी जेल भेज दिया जाता है। यहां तक कि डॉक्टर-इंजीनियर भी शराब का सेवन करते हैं जबकि दबा और कुचला वर्ग शराब पीने के आरोप में पकड़ा जाता है। शराबबंदी कानून पर सरकार को विचार करना चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री के बयान के बाद लग रहा है कि वह शराबबंदी पर विचार करने के मूड में नहीं हैं। 

मांझी का बयान, कहा- रात में दस बजे के बाद नेता- https://newshaat.com/bihar-local-news/manjhi-statement-said-leaders-officers-all-drink-alcoho/cid6040258.htm