पटना में कोरोना का कहर जारी, तीन हफ्तों में राज्य के सभी नये मामले राजधानी से, लापरवाही बनी चुनौती

बिहार में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा गहराने लगा है, और इसकी सबसे बड़ी मार राजधानी पटना पर पड़ी है। बीते तीन सप्ताह में जितने भी नए संक्रमित मामले राज्यभर में दर्ज हुए हैं, वे सभी पटना से सामने आए हैं। रविवार को पटना में कोरोना के आठ नए मामले दर्ज किए गए, जिससे जिले में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है।
39 एक्टिव केस, 21 स्वस्थ हुए
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में 39 मरीज सक्रिय रूप से संक्रमित हैं, जबकि 21 लोग इलाज के बाद पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। रविवार को पांच मरीजों की पहचान निजी अस्पतालों और लैब में जांच के दौरान हुई। इसके अलावा दो केस एम्स पटना और एक केस एनएमसीएच में सामने आया है। राहत की बात यह है कि सभी संक्रमित मरीजों में लक्षण हल्के या मध्यम दर्जे के हैं और उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि सरकार ने कोविड की बढ़ती आशंका को ध्यान में रखते हुए आवश्यक इंतजाम कर लिए हैं। सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को 60,000 रियल टाइम पीसीआर टेस्ट किट और 40,000 ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रैक्शन किट भेजी गई हैं।
शहर के अलग-अलग इलाकों में फैल रहा संक्रमण
पटना के सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि नए मामलों की पुष्टि शहर के नेऊरा, दीघा, दानापुर, कुम्हार, कंकड़बाग और राजीव नगर जैसे इलाकों से हुई है। इसके अलावा बख्तियारपुर, मीठापुर, एक्जिबिशन रोड और हनुमान नगर जैसे स्थानों से भी कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं।
लापरवाही बना रही स्थिति को गंभीर
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि कोरोना के लक्षण जैसे सर्दी, बुखार और बदन दर्द को लोग सामान्य मौसमी बीमारी समझकर नजरअंदाज कर रहे हैं। बहुत से लोग जांच नहीं करा रहे, जिससे संक्रमण का प्रसार बढ़ रहा है। अस्पतालों में भी लोग मास्क और सैनिटाइजर जैसे सुरक्षा उपायों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।