बिहार में कोरोना ने फिर दी दस्तक, पटना में मिले 2 पॉजिटिव मरीज

बिहार की राजधानी पटना में करीब एक साल के अंतराल के बाद एक बार फिर कोरोना संक्रमण के दो नए मामले सामने आए हैं। इन मामलों के खुलासे के बाद स्वास्थ्य महकमे और आम लोगों में सतर्कता बढ़ गई है। दोनों संक्रमित मरीजों की पहचान बेली रोड पर स्थित एक नामचीन निजी अस्पताल में हुई। इनमें से एक ने अस्पताल के साथ-साथ एक निजी लैब में भी जांच करवाई थी, जिसमें दोनों ही जगह रिपोर्ट पॉजिटिव आई। राहत की बात यह है कि दोनों मरीज अब खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।
22 मई को सामने आए लक्षण
इन दोनों मरीजों ने 22 मई को अस्पताल पहुंचकर सर्दी, खांसी, सांस लेने में दिक्कत और ऑक्सीजन स्तर में गिरावट जैसी शिकायतें दर्ज कराईं। इनमें से एक की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण उसे भर्ती किया गया, जबकि दूसरे का इलाज ओपीडी के माध्यम से किया गया। अस्पताल में भर्ती मरीज मात्र तीन दिन में पूरी तरह ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल प्रशासन ने इन मामलों की रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय को सौंप दी है।

सरकारी अस्पतालों में जांच ठप
गौर करने वाली बात यह है कि पटना के सरकारी अस्पतालों में कोरोना की मुफ्त जांच सुविधा पिछले एक साल से बंद है। सिविल सर्जन कार्यालय का कहना है कि उन्हें अब तक राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिला है। निजी लैब में जांच कराने पर 1000 से 1400 रुपये तक का खर्च आता है, जिससे आम लोग जांच से बचते नजर आ रहे हैं।
इस बीच पटना में मौसमी बदलाव के कारण सर्दी-खांसी और बुखार के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। लक्षण मिलने पर लोग फिलहाल लक्षण आधारित इलाज (सिंप्टोमेटिक ट्रीटमेंट) से ही काम चला रहे हैं। लेकिन इन दो कोरोना मामलों ने एक बार फिर लोगों को सतर्क हो जाने का संकेत दे दिया है।