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मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में फर्जीवाड़ा: मशीनें किराए पर लेकर सरकार को लगाया चूना, 11 लाभुकों पर होगी सख्त कार्रवाई

भागलपुर जिले में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उद्योग लगाने के नाम पर सरकार से आर्थिक सहायता लेने के बाद कई लाभार्थियों ने योजना का दुरुपयोग किया। वर्ष 2021-22 के दौरान योजना में आवेदन कर डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) प्रस्तुत की गई, जिसके आधार पर प्रत्येक लाभुक के खाते में ₹10 लाख में से ₹4 लाख की पहली किस्त जारी कर दी गई थी।

मशीनें मंगवाईं, फोटो खिंचवाया और वापस लौटा दीं
लाभुकों ने सरकार को विश्वास में लेने के लिए मशीनें किराए पर मंगवाईं, कुछ समय के लिए लगाकर फोटो खिंचवाए और औपचारिक निरीक्षण के बाद मशीनें वापस भेज दीं। न तो उद्योग शुरू किया गया, न ही शेड निर्माण कराया गया। यह पूरी प्रक्रिया सरकार की आंखों में धूल झोंकने जैसी रही।

11 फर्जी लाभार्थियों की पहचान
जिला उद्योग केंद्र द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में 11 ऐसे लाभुकों की पहचान की गई है जिन्होंने योजना का लाभ उठाया, लेकिन वास्तविक रूप से कोई उद्योग स्थापित नहीं किया। अब इनके खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है।

इन लाभुकों पर होगी कार्रवाई
पहले चरण में जिन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है, उनके नाम इस प्रकार हैं:

  • गुंजन कुमार (जगदीशपुर) – गेट व ग्रिल निर्माण
  • वसीउल्लाह – स्टेशनरी निर्माण
  • किश्वर परवीन – आटा, बेसन, सत्तू इकाई
  • अंजार आलम – कसीदाकारी व्यवसाय
  • पूनम कुमारी (नाथनगर) – होटल/ढाबा
  • नुसरत खातून – कसीदाकारी
  • राजीव कुमार – यूपीएस-इन्वर्टर व्यवसाय
  • रवि शंकर ठाकुर (पीरपैंती) – मुर्गा दाना उत्पादन
  • अनुप्रिया कुमारी (रंगरा) – पेवर ब्लॉक/टाइल्स
  • कुमार मनीष (सुलतानगंज)
  • अजय कुमार (कहलगांव) – आईटी सेवा

आगे और भी खुलासे संभव
जिला उद्योग केंद्र की जांच अभी भी जारी है और संभावना है कि इस तरह के और भी फर्जीवाड़े सामने आएंगे। विभाग ने संकेत दिए हैं कि दूसरे चरण में अन्य लाभुकों की भी जांच होगी और दोषी पाए जाने पर उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।