मधुबनी समाहरणालय की जमीन और भवन की होगी नीलामी, ये है वजह

मधुबनी जिले के कलेक्ट्रेट भवन को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक पुराने बकाया भुगतान विवाद के चलते कलेक्ट्रेट की भूमि व भवन की नीलामी की प्रक्रिया अपनाने का आदेश दिया है। कोर्ट के फैसले के अनुसार, यदि निर्धारित समय में राशि का भुगतान नहीं होता है तो प्रशासनिक कार्यालय की संपत्ति की नीलामी की जाएगी।
मंगलवार को सिविल कोर्ट के नाजिर दुर्गानंद झा द्वारा कलेक्ट्रेट के मुख्य प्रवेश द्वार पर नीलामी का नोटिस चिपकाया गया। इस नोटिस के अनुसार, मधुबनी के जिलाधिकारी को 15 दिनों के भीतर बकाया राशि का भुगतान करना होगा। यदि ऐसा नहीं होता है, तो नीलामी की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

नजारत व्यवहार न्यायलय मधुबनी कार्यालय से नोटिस में कहा गया है-'आपको सूचित किया जाता है कि उपरोक्त विषयांकित वाद Arbritration Exec-03/2016 में माननीय न्यायलय द्वारा पारित आदेश के आलोक में डिकीदार मेसर्स राधाकृष्ण एक्सपोर्ट प्रा. लि. कोलकाता के पक्ष में आदेशित राशि का भुगतान 15 दिनों के अंदर करेंगे. अन्यथा आपके समाहरणाय का भूमि मकान सहित पर निलामी की प्रक्रिया की जाएगी.'
मामले की पृष्ठभूमि क्या है?
यह मामला मेसर्स राधाकृष्ण एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम पंडौल कोऑपरेटिव सूत मिल, बिहार सरकार एवं अन्य से जुड़ा है। कंपनी के वकील वरुण कुमार झा के अनुसार, उनके मुवक्किल द्वारा पंडौल कोऑपरेटिव सूत मिल में की गई पूंजी निवेश और कच्चे माल की आपूर्ति की राशि वर्षों से लंबित है। पटना हाईकोर्ट ने पहले ही सरकार को भुगतान का निर्देश दिया था, लेकिन इसका अनुपालन नहीं किया गया।
कितनी राशि है बकाया?
वकील के मुताबिक, राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों द्वारा 4 करोड़ 17 लाख 24 हजार 459 रुपये की राशि का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। 2016 में इस संबंध में मधुबनी सिविल कोर्ट में वाद दायर किया गया था, जिसमें मांग की गई थी कि कलेक्ट्रेट की संपत्ति नीलाम कर कंपनी को भुगतान किया जाए।
9 साल बाद मिला न्यायालय का निर्णय
करीब नौ वर्षों की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अब अदालत ने फैसला सुनाते हुए कलेक्ट्रेट परिसर के दक्षिणी भाग में स्थित 10 कट्ठा जमीन और दो मंजिला इमारत की नीलामी का आदेश दे दिया है। नीलामी नोटिस लगने के बाद प्रशासन में हलचल तेज हो गई है। सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी परमिल कुमार ने बताया कि इस विषय में जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा। हालांकि, इस संबंध में डीएम को पहले से कोई जानकारी नहीं थी।