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MU: 30 करोड़ की जालसाजी करने पर कुलपति को मिला 'तौफा', राज्यपाल ने दिया एक महीने का मेडिकल लीव

 

बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर आये दिन सामने आ रही है। हाल ही में जिस मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के ठिकानों पर छापेमारी में 30 करोड़ की जालसाजी का खुलासा हुआ था उस पर राजभवन की मेहरबानी जारी है। भ्रष्ट्राचार के गंभीर आरोपी कुलपति राजेंद्र प्रसाद को एक महीने का मेडिकल लीव दे दिया गया है। दरअसल, कुलपति के आंखों में तकलीफ हो गई है। साथ ही डायबिटीज भी नियंत्रण से बाहर हो गया है। इसे देखते हुए राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें एक महीने तक छुट्टी पर रहने की इजाजत दे दी है।

पीएम मोदी

बता दें, बिहार विशेष निगरानी ( एसयूवी) की टीम ने मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के कुलपति राजेंद्र प्रसाद के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की थी। करीब 15 घंटों तक चली इस छापेमारी में कुलपति के पास से करोड़ो रुपये मिले।  विशेष निगरानी इकाई की अदालत से आदेश प्राप्त कर टीम ने राजेंद्र प्रसाद के उत्तर प्रदेश स्थित गोरखपुर जिला के आवास के साथ-साथ गया स्थित सरकारी आवास और बोधग्या के कार्यालय में भी तलाशी ली थी। मालूम हो कि कुलपति प्रो. राजेन्द्र प्रसाद पर विश्वविद्यालय में खरीददारी करने के नाम पर तीस करोड़ रुपये के गोलमाल के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। इस छापेमारी के बाद कुलपति राजेंद्र प्रसाद को आकस्मिक अवकाश दे दिया गया था जो 23 नवंबर को खत्म हो रहा था। 23 नवंबर की शाम राजभवन की ओर से जानकारी दी गई कि कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद को अब एक महीने का मेडिकल लीव दे दिया गया है और तब तक प्रोवीसी विभूति नारायण सिंह इस यूनिवर्सिटी के वीसी का काम संभालेंगे। 

MU के कुलपति के घर छापेमारी में करोड़ों की संपत्ति जब्त- https://newshaat.com/bihar-local-news/property-worth-crores-seized-in-mu-vice-chancellors-house/cid5780163.htm