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पटना में राजद की अहम बैठक, लालू देंगे 36 के जीत का फॉर्मूला

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रणनीतिक तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में पटना में पार्टी की राज्य परिषद की एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्घाटन पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सांसद मीसा भारती, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल सहित पार्टी के प्रमुख नेता मौजूद रहे।

राजद की नवगठित राज्य परिषद की इस महत्वपूर्ण बैठक में करीब 800 सदस्य भाग ले रहे हैं। इसमें पार्टी के वर्तमान एवं पूर्व सांसद, विधायक, विधान पार्षद, पार्टी पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता शामिल हैं। इस सत्र के माध्यम से पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव की दिशा तय करने में जुट गई है।

लालू का 36% जीत मंत्र
बैठक के दौरान लालू प्रसाद यादव ने आगामी चुनाव में जीत की चाबी माने जा रहे अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के 36% वोट बैंक को साधने का फॉर्मूला साझा किया। उन्होंने अपने पुराने दौर की याद दिलाते हुए कहा कि जैसे पहले बैलेट बॉक्स से "जिन्न" निकलता था, वैसे ही अब एक नई रणनीति से जीत का रास्ता निकलेगा।

मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी
साल 2025-2028 के लिए राजद ने मंगनी लाल मंडल को सर्वसम्मति से नया प्रदेश अध्यक्ष चुना है। 14 जून को नामांकन और 15 जून को उनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा के बाद अब राज्य परिषद की बैठक में उन्हें विधिवत रूप से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। खास बात यह है कि वे अति पिछड़ा वर्ग की धानुक जाति से आते हैं, जो बिहार में मजबूत सामाजिक आधार रखती है।

तेज प्रताप यादव नदारद
इस बैठक में तेज प्रताप यादव की अनुपस्थिति ने भी चर्चा बटोरी। अनुष्का यादव विवाद के चलते पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने उन्हें छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पहली बार ऐसा हुआ है जब लालू, राबड़ी और तेजस्वी एक मंच पर नजर आए लेकिन तेज प्रताप गायब रहे।

जातीय समीकरण साधने की रणनीति
राजद का यह कदम बेहद रणनीतिक माना जा रहा है। मंगनी लाल मंडल के रूप में पार्टी ने पहली बार अति पिछड़ा वर्ग से किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर इसे ऐतिहासिक बताया था। जातिगत सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में EBC वर्ग की कुल जनसंख्या लगभग 36% है और इसमें करीब 130 जातियाँ शामिल हैं।

धानुक जाति की राजनीतिक महत्ता
मंडल की धानुक जाति को मिथिलांचल और कोसी इलाकों में अच्छी खासी जनसंख्या समर्थन प्राप्त है। इस जाति की राज्य में कुल जनसंख्या करीब 2.14% मानी जाती है। राजद को उम्मीद है कि मंडल की नियुक्ति से पार्टी EBC वर्ग में अपनी पैठ को और मजबूत कर सकेगी।

20 वर्षों से EBC वोट बैंक नीतीश के साथ
राजद की यह रणनीति इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि पिछले दो दशकों से EBC समाज का झुकाव नीतीश कुमार की ओर रहा है। यही कारण है कि वे चाहे जिस गठबंधन में रहे हों, सत्ता की चाबी उनके पास रही है। अब RJD इसी आधार वर्ग में सेंध लगाने की कोशिश में है।

इस वर्ग में कपरिया, कानू, नुनिया, मल्लाह, धानुक, हलवाई, माली, केवर्त, खटवा, कुम्हार, नई, तेली, दांगी, चंद्रवंशी, गंधर्व, खेल्टा और गुलगुलिया जैसी कई जातियाँ शामिल हैं, जो चुनावी समीकरणों में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।