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पप्पू देव की मौत पर हंगामा, परिजनों ने की CBI जांच की मांग

 

बिहार के चर्चित डॉन पप्पू देव की मौत के बाद से कोसी के क्षेत्र में बवाल मच रहा है। मालूम हो कि बिहार पुलिस के अनुसार, पप्पू देव की मौत हार्ट अटैक से बताई जा रही है। लेकिन उनके शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं। इन निशान के वजह से पप्पू देव की मौत को लेकर सवाल उठ रहे हैं। वहीं अब उनके परिवार वालों की यह मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच हो। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया। पप्पू देव की पत्नी पूर्व जिला पार्षद पूनम देव भी पटना से सहरसा पहुंचीं हैं। पप्पू देव के शव को उनके गांव ले जाया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी होगी। 

पप्पू देव के चाचा और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शालिग्राम देव ने इसे हत्या करार दिया है। एसपी और डीएसपी की भूमिका पर संदेह जताते हुए बिहार सरकार से इसकी जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग भी उठ रही है।  पप्पू देव के चाचा शालिग्राम देव का कहना है, " अपराध जगत से नाता तोड़ पप्पू देव सारे केस से मुक्त होकर घर लौटा और समाज सेवा का काम करने लगा तब उसकी हत्या कर दी गई। लिपि सिंह के नेतृत्व में यह घटना हुई है। इस घटना को लेकर मैं सहरसा पुलिस की निंदा करता हूं। " 

बता दें, पप्पू देव की मौत पर सहरसा में जमकर हंगामा हुआ। आक्रोशित लोगों ने सहरसा-सुपौल हाईवे पर आगजनी कर इसे पूरी तरह से जाम कर दिया और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों के मुताबिक पुलिसकर्मियों के मारने से पप्पू देव की जान गई। इसलिए आक्रोशित लोगों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी जांच की मांग की है। 

गौरतलब है कि सहरसा में कोसी का डॉन कहे जाने वाले पप्पू देव की रविवार अहले सुबह पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि शनिवार की रात पप्पू देव और उसके गुर्गों के साथ पुलिस मुठभेड़ हुआ था। इसमें जमकर गोलीबारी हुई थी। मुठभेड़ के बाद ही पुलिस ने पप्पू देव को गिरफ्तार किया था। इसके बाद अचानक सीने में दर्द की शिकायत मिली। दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। 

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