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कथा संग्रह 'सपनों का सफर' के विमोचन पर पहुंचे समीर कुमार सिंह, कहा-अच्छी पुस्तकों के कद्रदान आज भी हैं

 

बिहार की राजधानी पटना का एक वर्ग ऐसा भी है जिसे पढ़ने और लिखने का बड़ा शौक है। ऐसे में अक्सर ही कोई कविता गोष्ठी या पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन होता रहता है। ऐसे ही एक आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार व विधान पार्षद डॉ. समीर कुमार सिंह पहुंचे। अपने संबोधन के दौरान समीर कुमार ने कहा कि अच्छी पुस्तकों के कद्रदान आज भी हैं। जरूरत है कि लेखक के कार्यों को प्रकाशक ईमानदारी से पाठकों के बीच ले जाएं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है गोस्वामी तुलसीदास की श्री रामचरितमानस की लोकप्रियता। बता दें कि डॉ समीर साझा कथा संग्रह 'सपनों का सफर' का विमोचन करने पहुंचे थे। इस अवसर पर शहर के कई लेखक, कवि, पत्रकार, शोधार्थी, विद्यार्थी व कला प्रेमी उपस्थित रहे। 

उन्होंने कहा कि रामचरितमानस कितना सुदृढ ग्रंथ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी लोक​प्रियता 500 साल बाद भी बरकरार है। रामचरितमानस से प्रेरित होकर रामानंद सागर ने रामायण टीवी धारावाहिक का निर्माण किया। आज भी उत्कृष्ट लेखन के सबसे बड़ी प्रेरणा तुलसीदास माने जाते हैं। डॉ. समीर ने कहा कि सामान्य बात को भी रुचिकर ढंग से प्रस्तुत करना योग्य लेखक का गुण होता है। इसी से उसकी रचना लोकप्रिय एवं उत्कृष्ट होती है।

वहीं विशिष्ट अतिथि डॉ. शिव नारायण ने कहा कि अगर लेखक व प्रकाशक की नियत साफ हो, तो उच्च स्तरीय साहित्य की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में गुणवत्ता के साथ सही कीमत पर पुस्तक उपलब्ध कराना प्रसंशनीय है। इसके लिए कथा संग्रह के संपादक और प्रकाशक बधाई के पात्र हैं। प्रकाशक प्रशांत रंजन ने कहा कि पटना में लेखकों और उनके पाठकों के बीच जो दीवार खड़ी रहती है, उसे स्वत्व प्रकाशन समतल करने का प्रयास क​रेगा। इस प्रयास की मदद से अच्छी रचनाओं को छपने का बाट नहीं जोहना पड़ेगा और दूसरी ओर पाठकों को कम कीमत पर गुणवत्ता पूर्ण साहित्य उपलब्ध हो। 

बता दें कि कथा संग्रह 'सपनों का सफर' के संपादक डॉ. शंभु कुमार सिंह हैं। इस कथा संग्रह को साझा रूप से स्वत्व प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। इसकी जानकारी खुद संपादक शंभु कुमार ने दी। उन्होंने कहा कि इस कथा संग्रह में कुल ग्यारह कहानियां हैं, जो ग्यारह विभिन्न लेखकों की हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इसका​ द्वितीय खंड भी प्रकाशित होगा, जिसमें इन्हीं लेखकों की कहानियां होंगी। विमोचन के बाद इस साझा संग्रह के लेखक डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि साझा संग्रह की विशेषता होती है कि इसमें एक ही साथ कई रचनाकारों के कृतित्व से परिचय होता है। दूसरी विशेषता है कि पूरे संग्रह में से कोई एक कथा भी पाठक को पसंद आ जाए, तो प्रकाशक, संपादक व लेखक तीनों का परिश्रम सार्थक सिद्ध होता है। 

लेखिका डॉ. भावना शेखर ने कहा कि किसी भी लेखक की सबसे बड़ी चिंता होती है कि उसकी रचना कहीं प्रकाशित होगी अथवा नहीं। लेकिन इतने कम समय में कहानियों का संग्रह कर उसे पुस्तक के रूप में साकार करने के लिए स्वत्व प्रकाश​न बधाई का पात्र है। वहीं लेखिका पूनम आनंद ने कहा कि मात्र 120 पृष्ठों की पुस्तक में 11 भिन्न कथाओं का संकलन एक सुंदर गुलदस्ते की भांति है। लेखिका सौम्या सुमन ने कहा कि साझा कथा संग्रह का लाभ है कि विभिन्न विचारों के रचनाकारों के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है। 

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