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विशेष राज्य दर्जा: CM नीतीश के खिलाफ डिप्टी सीएम और मंत्री ने ठोक दिया ताल

 
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बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग एक बार फिर सियासत का केंद्र बन गई है. जहां एक तरफ बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी कह रही है की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की जरूरत नहीं है. तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2004-05 में प्रति व्यक्ति आय 7,914 रुपए थी, जो 2019-20 में बढ़कर 50,735 रुपए हो गई. हमारे प्रयासों के बावजूद, बिहार की जनसंख्या और क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए विकास दर पर्याप्त नहीं है. नीति आयोग का कहना है कि बिहार एक पिछड़ा राज्य है. इसलिए हम मांग करते हैं की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए.

आपको बता दे कि उपमुख्यमंत्री का नाम लिए बिना, नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि, विशेष दर्जा बिहार के लिए बहुत आवश्यक है. अगर कोई कहता है कि ऐसा नहीं है, तो संभव है कि उस व्यक्ति को इस मुद्दे की समझ नहीं रहा और वह अनजान है. वैसे आपको बता दे शनिवार को रेणु देवी ने पटना में पार्टी कार्यालय में कहा था कि, बिहार को विशेष दर्जे की कोई आवश्यकता नहीं है. केंद्र काफी मदद कर रही है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने से क्या होगा? 

इतना ही नहीं आज यानी की मंगलवार को बीजेपी नेता और बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग जायज नहीं है. उन्होंने कहा कि स्पेशल स्टेटस बिहार जैसे राज्यों को फिलहाल नहीं मिल सकता है. जो स्पेशल स्टेटस का पैमाना है, उसमें बिहार फिट नहीं बैठता है. आगे उन्होंने कहा कि, कुछ लोग राजनीतिक रोटी सेकने के लिए स्पेशल स्टेटस पर बयान दे रहे हैं, जबकि उन्हें भी मालूम है कि बिहार जैसे राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा वर्तमान परिस्थितियों में नहीं मिल सकता है. 

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