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तेजस्वी यादव ने सरकार पर साधा निशाना, कहा-सचिवालय में चढ़ावे से मिल रही नियुक्तियाँ

बिहार में महिला आयोग समेत विभिन्न आयोगों में की गई हालिया नियुक्तियों को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। रविवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि वो ‘जमाई आयोग’ की स्थापना कर दें, क्योंकि अब नियुक्तियों में रिश्तेदारी को ही मान्यता मिल रही है।

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि आज बिहार रिटायर्ड अफसरों के भरोसे चल रहा है। उन्होंने कहा, “यहां थके हुए नहीं, सेवानिवृत्त अधिकारी राज्य चला रहे हैं। चढ़ावा दो और मनपसंद पोस्टिंग ले लो। आम जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बिहार गरीब है, लेकिन अफसर लूट और भ्रष्टाचार में व्यस्त हैं।”

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि अगर ईडी और सीबीआई निष्पक्ष होकर कार्रवाई करें तो कोई बच नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि कई आयोगों में सत्ता से जुड़े लोगों के दामादों को सदस्य बनाया गया है। रामविलास पासवान, जीतन राम मांझी और अशोक चौधरी के दामादों को आयोगों में जगह मिली है।

महिला आयोग की नियुक्ति को लेकर उन्होंने सीधा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पत्नी को शिक्षाविद् के तौर पर आयोग में शामिल किया गया है, जबकि इससे अधिक योग्य लोगों को दरकिनार कर दिया गया। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि संबंधित महिला ने आवेदन पत्र में अपने पति का नाम छिपाकर पिता का नाम दर्शाया है।

तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि मुख्यमंत्री स्वयं निर्णय ले रहे हैं या उनसे यह सब करवाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सचिवालय में वे लोग प्रभावी हो चुके हैं जो दलित और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं। साथ ही बीजेपी कार्यकर्ता इंतजार में हैं, लेकिन उन्हें जगह नहीं मिल रही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “एक तरफ वो परिवारवाद के खिलाफ भाषण देते हैं और दूसरी तरफ यहां चुपचाप अपनों को मलाईदार पदों पर बिठाया जा रहा है।”

तेजस्वी ने व्यंग्य में यह भी कहा कि अब मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मिलकर एक 'स्पेशल अरेंजमेंट कमीशन' बना लें, जिसमें नेताओं के बेटों, दामादों और पत्नियों को समायोजित किया जा सके। उन्होंने कहा कि परिवारवाद के नाम पर जो उपदेश दिया जाता है, उसके उलट यहां पर पर्दे के पीछे परिवारवाद का खुला खेल चल रहा है। उनका आरोप था कि पहले मंत्रालय बर्बाद किया गया और अब सचिवालय को ‘भूजा पार्टी’ चला रही है।