पटना में फिर बढ़ा कोरोना का खतरा, 24 घंटे में 6 संक्रमित मिले, अब तक कुल 30 मरीजों की पुष्टि

राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण एक बार फिर पैर पसारता नजर आ रहा है। 23 मई से लेकर अब तक शहर में कोरोना के 30 नए मरीज सामने आ चुके हैं। मंगलवार को ही 6 नए संक्रमितों की पहचान हुई है, जिनमें एक 19 वर्षीय युवक, 21 साल की युवती और तीन बुजुर्ग (55, 66 और 73 वर्ष) शामिल हैं। फिलहाल प्रदेश में कुल 24 मरीज सक्रिय हैं, जबकि 6 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं।
सरकारी और निजी लैब में समान भागीदारी
इन 30 मामलों में से 16 संक्रमितों की पुष्टि सरकारी लैब जैसे एम्स, एनएमसीएच और आईजीआईएमएस में हुई है, जबकि बाकी 14 मरीजों की रिपोर्ट निजी लैब से पॉजिटिव पाई गई। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि इन प्रमुख अस्पतालों के डॉक्टर, नर्सें और मेडिकल छात्र भी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं, जिससे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

नया वेरिएंट नहीं, मगर सतर्कता जरूरी
हालांकि अभी तक बिहार में ओमिक्रॉन के किसी नए सब-वेरिएंट जैसे LF.7 या NB.1.8.1 की मौजूदगी की पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी, एहतियात के तौर पर अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलिंडर, टेस्ट किट और वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। हाल ही में राज्य के कई जिलों में ऑक्सीजन आपूर्ति की मॉक ड्रिल भी कराई गई है।
अस्पतालों की तैयारियों का जायजा
आईजीआईएमएस ने इमरजेंसी बेड और ऑक्सीजन संयंत्र की मॉक ड्रिल की है। यहां 12 बेड का विशेष कोविड वार्ड और 3 आईसीयू बेड आरक्षित किए गए हैं। एनएमसीएच में भी कोरोना मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
लक्षण और सावधानियां
ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश और थकावट देखने को मिल रहे हैं। फिलहाल घबराने की आवश्यकता नहीं है, पर बुजुर्गों और जिन लोगों को पहले से कोई गंभीर बीमारी है, उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
गौरतलब है कि देशभर में अब कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 3 जून तक बढ़कर 4265 हो गई है। केरल (1435) और महाराष्ट्र (424) सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बने हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली और केरल में हुई हालिया मौतों के पीछे कोमोरबिडिटी प्रमुख कारण रही है।