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तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर बर्खास्त, ये है वजह

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज संपन्न हुई कैबिनेट बैठक में कुल 47 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इनमें कई प्रमुख निर्णय शामिल रहे, जिनमें नए सरकारी पदों की स्वीकृति के साथ-साथ भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे एक ड्रग इंस्पेक्टर को सेवा से हटाने का फैसला भी प्रमुख रहा।

स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने पटना के तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार को बर्खास्त करने का निर्णय लिया। उन पर घूसखोरी और सेवा अवधि के दौरान अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप थे। लंबे समय से निलंबन की स्थिति में रहने के बावजूद वे अपने कार्यालय में रिपोर्ट नहीं कर रहे थे और लगातार गैरहाजिर पाए गए।

2022 की छापेमारी में खुला था राज
जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि जितेंद्र कुमार ने अपने वेतन से कई गुना अधिक संपत्ति बनाई। 25 जून 2022 को निगरानी विभाग की टीम ने सुल्तानगंज थाना क्षेत्र सहित उनके विभिन्न ठिकानों पर छापा मारा था। कार्रवाई के दौरान करीब 4 करोड़ रुपये नकद, कीमती आभूषण, जमीन से जुड़े दस्तावेज, चार महंगी गाड़ियां और कई एटीएम कार्ड जब्त किए गए।

नकदी गिनने के लिए बुलानी पड़ी मशीन
ज़ब्त की गई बड़ी रकम की गिनती के लिए करेंसी गिनने वाली मशीन मंगवाई गई थी, लेकिन मशीन खराब होने पर बैंककर्मियों की मदद से नोटों की गिनती करवाई गई। सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार के विरुद्ध उसकी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाता है।