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गोपाल खेमका हत्याकांड: 72 घंटे में शूटर से लेकर मास्टरमाइंड तक पहुंची पुलिस, सीसीटीवी और मोबाइल नंबर बने अहम सुराग

 

पटना। राजधानी पटना के चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या की गुत्थी पुलिस ने महज 72 घंटे में सुलझा ली है। एसटीएफ और एसआइटी की संयुक्त जांच में न सिर्फ शूटर को पकड़ा गया, बल्कि इस पूरी साजिश के मास्टरमाइंड को भी दबोच लिया गया है।

जांच में सबसे ज्यादा मदद सीसीटीवी कैमरों और एक संदिग्ध मोबाइल नंबर से मिली। पुलिस को शूटर की पहचान करने और उसकी लोकेशन ट्रेस करने में कुल 57 से ज्यादा कैमरों की फुटेज खंगालनी पड़ी। छह जगहों के वीडियो से आरोपी का चेहरा साफ नजर आया।

तकनीक और टीम वर्क का कमाल

इस पूरे केस में एसटीएफ की चार टीमें, एसआइटी, टेक्निकल एक्सपर्ट्स और अन्य पुलिस बलों को मिलाकर 55 से ज्यादा अधिकारी लगे थे।

जांच के दायरे में जमीन विवाद, बैंक लेन-देन, मोबाइल डिटेल, कारोबारी रिश्ते और पुराने झगड़े भी आए। पटना के अलावा हाजीपुर, सोनपुर, आरा सहित कई जगहों पर छापेमारी की गई।

तीन दर्जन से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई। यहां तक कि जेल से हाल ही में छूटे अपराधियों से भी सवाल-जवाब किए गए।

शूटर की बाइक से खुला राज

रविवार की रात जब जांच टीम को शूटर की बाइक और लोकेशन के सुराग मिले, तब पूरी टीम का फोकस पटना सिटी की तरफ हो गया।

चौक, मालसलामी और बाईपास थाना क्षेत्र में पुलिस सादे कपड़ों में निजी दुकानों और गली-मोहल्लों के कैमरे खंगालती रही।

इसी दौरान पांच संदिग्धों को उठाया गया, जिनमें से तीन पर शक गहराया। इन तीन में उमेश कुमार नाम का युवक भी शामिल था, जो पहले भी अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा है।

और भी होंगे गिरफ्तार

पुलिस का कहना है कि इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं। कुछ लोगों की भूमिका अभी भी संदेह के घेरे में है और उनके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे है

 

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