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भारत-यूके के बीच साइन हुआ ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: वस्त्र, वाहन, शराब और दवाइयां होंगी सस्ती, रोजगार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा

भारत-यूके के बीच साइन हुआ ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: वस्त्र, वाहन, शराब और दवाइयां होंगी सस्ती, रोजगार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा

भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापार समझौते को लेकर बड़ी सफलता मिली है। 24 जुलाई 2025 को दोनों देशों ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह करार वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटिश व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके यूके समकक्ष कीर स्टार्मर की मौजूदगी में संपन्न हुआ।

99% वस्तुओं पर टैक्स खत्म
इस समझौते के तहत भारत के 99% उत्पादों को यूके में बिना आयात शुल्क (जीरो टैरिफ) के निर्यात किया जाएगा। वहीं, यूके के 99% सामान भारत में औसतन 3% टैरिफ पर आयात किए जा सकेंगे। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार दोगुना होकर 120 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।

उपभोक्ताओं को क्या मिलेगा फायदा?

  • स्कॉच और जिन सस्ती होगी: यूके से आने वाली स्कॉच व्हिस्की और जिन पर भारत में लगने वाला 150% टैक्स घटकर पहले 75% और फिर 10 साल में 40% तक कर दिया जाएगा। इससे करीब 5000 रुपये की बोतल अब 3500 रुपये में उपलब्ध हो सकेगी।
  • लग्जरी कारें होंगी किफायती: जगुआर, लैंड रोवर और रोल्स-रॉयस जैसी ब्रिटिश कारों पर 100% इंपोर्ट ड्यूटी अब कोटा सिस्टम के तहत घटकर 10% हो जाएगी। अनुमान है कि इन कारों की कीमतों में 20-30% की गिरावट आ सकती है।
  • चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक्स और चाय भी सस्ते: यूके से आने वाले खाद्य और पेय उत्पाद जैसे सैल्मन, लैंब, बिस्किट, चॉकलेट और सॉफ्ट ड्रिंक्स पर भी टैक्स में कटौती की जाएगी, जिससे आम उपभोक्ताओं को कम कीमत में ये प्रोडक्ट मिलेंगे।
  • कॉस्मेटिक्स और मेडिकल डिवाइस: यूके से आयातित सौंदर्य प्रसाधन, मेडिकल उपकरण और एयरोस्पेस पुर्जों पर शुल्क 15% से घटाकर 3% किया जाएगा, जिससे ये उत्पाद भी सस्ते हो जाएंगे।

किन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ?

  • कपड़ा उद्योग: यूके में भारतीय वस्त्रों पर पहले 8-12% टैक्स लगता था, जो अब समाप्त हो जाएगा। इससे तिरुपुर, सूरत, और लुधियाना जैसे हब्स में 40% तक की ग्रोथ संभव है।
  • ज्वैलरी और चमड़ा: भारत से यूके को निर्यात होने वाले गहनों और चमड़े के सामानों पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा, जिससे MSME और प्रीमियम ब्रांड्स को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
  • इंजीनियरिंग और ऑटो पार्ट्स: यूके ने भारतीय मशीनरी, टूल्स और ऑटोमोबाइल पुर्जों पर टैक्स हटा दिया है। इससे पुणे, चेन्नई और गुड़गांव जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को सीधा फायदा होगा।
  • फार्मा सेक्टर: भारतीय फार्मा कंपनियों को अब यूके में जेनेरिक दवाओं के लिए आसान मंजूरी मिलेगी और NHS में भारत की भागीदारी बढ़ेगी।
  • खाद्य और मसाले: बासमती चावल, समुद्री उत्पाद, प्रीमियम चाय और मसालों पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे असम, पश्चिम बंगाल, गुजरात और केरल जैसे राज्यों की निर्यात इकाइयों को मजबूती मिलेगी।
  • केमिकल्स और स्पेशल मटेरियल्स: एग्रो केमिकल्स, प्लास्टिक और स्पेशलिटी केमिकल्स पर कर कम होने से गुजरात और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख निर्यात केंद्रों को लाभ मिलेगा।
  • ग्रीन एनर्जी और क्लीनटेक: इस समझौते के तहत ग्रीन हाइड्रोजन, सोलर एनर्जी और EV इंफ्रास्ट्रक्चर में साझा निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

भारत को क्या प्रमुख लाभ होंगे?

  • निर्यात में तेजी: 2030 तक भारत का यूके को निर्यात 29 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
  • रोजगार सृजन: कपड़ा और चमड़ा जैसे क्षेत्रों में नए रोजगारों की संभावनाएं दोगुनी होंगी।
  • MSME को फायदा: भारत के 6 करोड़ सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को नए बाजार मिलेंगे, जिससे उनका मार्जिन और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
  • निवेश प्रवाह: यूके की कंपनियां भारत में IT, फाइनेंस और ग्रीन टेक्नोलॉजी में निवेश बढ़ाएंगी।
  • आर्थिक वृद्धि: यह समझौता भारत और यूके के बीच सालाना व्यापार वृद्धि दर 15% तक बढ़ाएगा, जो 100 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को साकार करेगा।

हालांकि समझौता हो चुका है, लेकिन इसे पूर्ण रूप से लागू होने में लगभग एक साल लग सकता है, क्योंकि यूके की संसद से अभी मंजूरी बाकी है, जबकि भारत की कैबिनेट इसे पहले ही स्वीकृति दे चुकी है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत और यूके के बीच FTA पर वार्ता 13 जनवरी 2022 को शुरू हुई थी, जो करीब साढ़े तीन वर्षों बाद जाकर सफलतापूर्वक पूर्ण हुई। इससे पहले भारत ने मॉरीशस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया और EFTA के साथ भी महत्वपूर्ण फ्री ट्रेड समझौते किए हैं। वर्तमान में भारत यूरोपियन यूनियन (EU) के साथ भी इसी तरह के समझौते को लेकर चर्चा कर रहा है।