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झारखंड में अफसरों की भारी कमी, वन विभाग और विधानसभा के प्रमुख अधिकारी हुए रिटायर

झारखंड में अधिकारियों की भारी कमी का असर राज्य के प्रशासनिक कामकाज पर पड़ता दिख रहा है। आज यानि 30 नवंबर को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) संजय श्रीवास्तव के रिटायर होने से वन विभाग में वरिष्ठ नेतृत्व का अभाव हो गया है।1989 बैच के भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने 35 वर्षों तक बिहार और झारखंड के वन विभाग में विभिन्न अहम पदों पर सेवाएं दीं। पीसीसीएफ के रूप में उनका कार्यकाल लगभग दो साल रहा। उनकी जगह शशिकर सामंता का नाम प्रस्तावित किया गया है।

विधानसभा सचिव का भी कार्यकाल समाप्त
झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव सैयद जावेद हैदर 30 नवंबर को रिटायर हो गए। वे 2021 से इस पद पर कार्यरत थे। अब संयुक्त सचिव माणिकलाल हेंब्रम को प्रभारी सचिव का पदभार सौंपे जाने की संभावना है। विधानसभा का अगला सत्र 9 दिसंबर से शुरू हो रहा है, और सचिव की भूमिका इसके संचालन में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आईएएस अधिकारियों की भारी कमी
झारखंड में आईएएस अधिकारियों की कमी चिंता का विषय बन गई है। राज्य में आईएएस संवर्ग के लिए 224 पद स्वीकृत हैं, लेकिन केवल 170 अधिकारी ही कार्यरत हैं। मुख्य सचिव रैंक के भी सिर्फ दो अधिकारी, अलका तिवारी और अविनाश कुमार, राज्य में हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर शैलेश कुमार सिंह और निधि खरे जैसे अधिकारी कार्यरत हैं।

वर्ष के अंत तक और अधिकारी होंगे रिटायर
वन विभाग के विशेष सचिव राजू रंजन राय 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं। इसके अलावा, उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश भी इसी तारीख को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अधिकारियों की यह कमी झारखंड प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकती है।