जेपीएससी परीक्षार्थियों से ठगी की कोशिश, पुलिस को नहीं मिला सुराग, जांच बंद

साइबर ठग अब केवल आम नागरिकों, कारोबारी या अधिकारियों को ही नहीं बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को भी निशाना बना रहे हैं। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों से पैसे वसूलने की कोशिश का एक मामला सामने आया था, लेकिन नौ महीने की जांच के बाद भी पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच सकी और अंततः जांच को बंद कर दिया गया।
क्या था मामला?
धनबाद जिले के निरसा थाना अंतर्गत खुदिया कालीमाली निवासी अजय कुमार ने 20 सितंबर 2024 को साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें 8797697681 नंबर से कॉल कर उनके नाम, रोल नंबर और जन्मतिथि की जानकारी देकर झांसे में लेने की कोशिश की। कॉल करने वाले ने कहा कि जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में पास करना है तो 6.20 लाख रुपये भेजने होंगे, अन्यथा उनका रिजल्ट रोका जाएगा। इस मामले को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी गंभीरता से लिया था और पुलिस को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। शुरू में पुलिस ने तत्परता भी दिखाई, लेकिन ठोस नतीजा नहीं निकल पाया।

बिहार तक पहुंची पुलिस, लेकिन खाली हाथ लौटी
निरसा पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रैक कर बिहार के नालंदा स्थित अस्थावां थाना क्षेत्र के नोअवां गांव और फिर बक्सर जिले के गोवर्द्धनपुर में दबिश दी। वहां मोबाइल नंबर जिस नाम (सरिता देवी, पति राजेश कुमार रंजन) पर था, उस पते पर भी पुष्टि नहीं हो सकी।
साइबर ठग ने जेपीएससी के अभ्यर्थियों का संवेदनशील डेटा चुरा लिया था और उसी के आधार पर अभ्यर्थियों से संपर्क कर उन्हें भ्रमित करने की कोशिश करता था। इतनी व्यक्तिगत जानकारी मिलने के बाद कई उम्मीदवार विश्वास कर बैठे और धोखे में आ सकते थे। लगभग नौ महीने की मशक्कत के बाद भी जब कोई सुराग नहीं मिला, तो निरसा थाना पुलिस ने 25 मई 2025 को केस बंद कर दिया और इसकी जानकारी शिकायतकर्ता अजय कुमार व न्यायालय को दे दी।