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भाजपा फैला रही है 'नाम परिवर्तन' के नाम पर सियासी ज़हर, हेमंत सरकार को बदनाम करने की साजिश : आलोक कुमार दूबे

भाजपा फैला रही है 'नाम परिवर्तन' के नाम पर सियासी ज़हर, हेमंत सरकार को बदनाम करने की साजिश : आलोक कुमार दूबे

झारखंड में तथाकथित ‘नाम परिवर्तन घोटाले’ को लेकर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा द्वारा रचा गया एक नया राजनीतिक षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य केवल हेमंत सोरेन सरकार की छवि को धूमिल करना और जनता के बीच भ्रम फैलाना है।

आलोक दूबे ने इस पूरे विवाद को भाजपा की "स्क्रिप्टेड साजिश" बताते हुए कहा कि, “जब-जब भाजपा को अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई नजर आती है, तब-तब वह धर्मांतरण, केंद्रीय एजेंसियों की जांच और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों का सहारा लेकर जनता को गुमराह करने की कोशिश करती है।”

“सीबीआई अब भाजपा की रणनीति का हिस्सा बन चुकी है”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अब सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। सत्ता से बाहर होते ही ये संस्थाएं भाजपा के लिए ‘ऑपरेशन रिवेंज’ का जरिया बन जाती हैं। मगर झारखंड की जनता अब भाजपा की इन रणनीतियों को समझ चुकी है और भ्रम की राजनीति का जवाब काम और विश्वास से दे रही है।

आलोक दूबे ने स्पष्ट किया कि नाम परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी तरह प्रशासनिक है और यह वर्षों से चली आ रही है। कुछ रिकॉर्ड के गायब होने की जांच होनी चाहिए, लेकिन इसे धर्मांतरण और पहचान बदलने जैसे मुद्दों से जोड़ना बेहद गैरजिम्मेदाराना और विभाजनकारी है।

“2014 से 2019 तक भाजपा की सरकार क्या कर रही थी?”
उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए पूछा, “अगर भाजपा को नाम परिवर्तन की इतनी ही चिंता थी तो जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने रिकॉर्ड को डिजिटाइज क्यों नहीं किया? क्या उन्होंने कोई सुरक्षा प्रणाली बनाई कि महत्वपूर्ण दस्तावेज संरक्षित रह सकें?”

दूबे ने भाजपा की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह वही पार्टी है जिसने महाराष्ट्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अवहेलना करते हुए सत्ता का सौदा किया और बिहार में भी अस्थिरता फैलाने की कोशिश की। झारखंड में भी भाजपा ने ऐसी ही साजिशें रचीं, लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी।

“एफआईआर की जल्दबाज़ी से सनसनी फैलाना चाहती है भाजपा”
राजकीय प्रेस द्वारा मामले में दी गई सफाई का हवाला देते हुए आलोक दूबे ने कहा कि भाजपा का मकसद सिर्फ सनसनी फैलाना है। उन्होंने कहा, “बिना ठोस जांच के एफआईआर दर्ज कराना असंवैधानिक होता। राज्य सरकार जिम्मेदारी के साथ जांच प्रक्रिया में आगे बढ़ रही है, न कि भाजपा की तरह झूठ और उन्माद फैलाने में।”

अपने बयान के अंत में आलोक दूबे ने कहा कि झारखंड की जनता अब भाजपा के झूठ, अफवाह और नफरत के एजेंडे को नकार चुकी है। उन्होंने कहा कि आज राज्य की राजनीति का केंद्र विकास, शिक्षा, रोज़गार और सामाजिक न्याय है, न कि भाजपा की तैयार की गई ‘सीबीआई स्क्रिप्ट’।

उन्होंने विश्वास जताया कि जनता भाजपा की अफवाहों को ठुकराकर एक बार फिर विकास के रास्ते पर झारखंड को आगे बढ़ाएगी।