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बोकारो : जमीन घोटाले पर ईडी का शिकंजा, वन भूमि के फर्जी एनओसी मामले में छापेमारी तेज

झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई एक बार फिर चर्चा में है। जमीन घोटाले से जुड़े एक गंभीर मामले में ईडी की टीम ने बोकारो जिले के चास क्षेत्र में कई स्थानों पर दबिश दी है। इस बार जांच की आंच तेतुलिया की विवादित वन भूमि पर केंद्रित है।

सूत्रों के अनुसार, तेतुलिया स्थित वन भूमि को कभी तत्कालीन बिहार सरकार द्वारा अधिग्रहित कर बोकारो स्टील प्लांट को सौंपा गया था। लेकिन बाद में इस जमीन को लेकर गड़बड़ियां सामने आईं, जहां बोकारो स्टील के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन माफियाओं को एनओसी जारी कर दी गई। हैरानी की बात यह है कि नए सर्वे में भी यह जमीन बोकारो स्टील की ही बताई गई, बावजूद इसके इसे निजी स्वामित्व में दर्शा दिया गया।

ईडी की एक टीम चास के राणा प्रताप नगर स्थित महेश नागिया के आवास पर पूछताछ कर रही है। वहीं दूसरी टीम बोकारो स्टील के नगर सेवा भवन विभाग में अभिलेखों की गहन छानबीन में जुटी है। महाप्रबंधक ए.के. सिंह के कार्यालय में अधिकारियों द्वारा पुराने कागजातों और फाइलों को खंगाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि डीएफओ ने एनओसी को लेकर कई बार पत्राचार भी किया था, जिसकी पड़ताल की जा रही है।

गौरतलब है कि ईडी ने इसी जमीन घोटाले को लेकर अप्रैल माह में भी झारखंड और बिहार में 16 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। उस समय रांची में राजवीर कंस्ट्रक्शन के दफ्तरों के अलावा बोकारो के डीसी ऑफिस और चास अंचल कार्यालय को भी जांच के दायरे में लिया गया था। इन छापों में कई अहम दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य हाथ लगे थे, जो इस बार की कार्रवाई का आधार बने हैं।

ईडी की ताजा जांच से यह संकेत मिल रहे हैं कि बोकारो में जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त और एनओसी जारी करने की प्रक्रिया में बड़ी साजिश रची गई थी, जिसकी परतें अब खुलनी शुरू हो गई हैं।