बोकारो विधायक श्वेता सिंह पर बढ़ी मुश्किलें, वोटर और पैन कार्ड मामले में जांच तेज; बिरंची नारायण ने एसडीओ के सामने रखा पक्ष

बोकारो से कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह के खिलाफ पैन कार्ड और वोटर आईडी को लेकर चल रही जांच में तेजी आ गई है। इसी क्रम में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक बिरंची नारायण ने चास एसडीओ प्रांजल ढांढा के समक्ष अपना पक्ष रखा।
मीडिया से बातचीत में बिरंची नारायण ने बताया कि उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस मिला था, जिसके बाद उन्होंने लिखित और मौखिक दोनों तरीकों से सभी जानकारियाँ अधिकारियों को सौंप दीं।
उन्होंने कहा कि श्वेता सिंह के मामले में "ऑफिस ऑफ प्रॉफिट" का मुद्दा बनता है और इसी आधार पर कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि विधायक के नाम चार अलग-अलग वोटर कार्ड थे, जिनमें से दो को 24 मई के बाद हटा दिया गया। यह भी जांच का एक अहम विषय है।

बिरंची नारायण ने यह भी आरोप लगाया कि श्वेता सिंह के नाम पर सेक्टर-3 में दो क्वार्टर – 562 डी और 873 नंबर – हैं। चुनावी हलफनामे में केवल 873 नंबर क्वार्टर का उल्लेख किया गया, लेकिन उससे संबंधित 'नो ड्यूज सर्टिफिकेट' दाखिल नहीं किया गया, जो कि नामांकन प्रक्रिया से पहले जरूरी होता है।
उन्होंने दोहराया कि इस पूरे मामले को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के तहत जांचा जाना चाहिए, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 102 (1)(a) और 191 (1)(a) के साथ-साथ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9 (a) के तहत कोई भी सांसद या विधायक किसी ऐसे पद पर नहीं रह सकता, जिससे उसे अतिरिक्त वेतन या लाभ मिलते हों।
इस पूरे विवाद की जांच अब व्यापक हो चुकी है। चास के एसडीओ ने श्वेता सिंह को नोटिस भेजते हुए तीन जून तक अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। साथ ही शिकायतकर्ता बिरंची नारायण को भी दस्तावेजों सहित उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
इससे पहले, बीजेपी नेताओं ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिलकर शिकायत दर्ज करवाई थी कि श्वेता सिंह के नाम पर चार वोटर आईडी और दो पैन कार्ड हैं। इसके बाद चुनाव आयोग ने बोकारो डीसी को जांच के आदेश दिए और आयकर विभाग को भी पत्र लिखा गया।
हालांकि, विधायक श्वेता सिंह ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि वे उचित मंच पर अपना पक्ष रखेंगी। उन पर दो पैन कार्ड के इस्तेमाल का भी आरोप है, जिसकी जांच अब आगे बढ़ रही है।