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नये आपराधिक क़ानून लागू होते ही कई राज्यों में दर्ज हुए मामले

देशभर में 1 जुलाई, 2024 से नए क्रिमिनल कानून लागू हो गए हैं। पहले दिन ही झारखंड समेत कई राज्यों में मामले दर्ज किए गए। ब्रिटिश काल की भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) ने ले ली है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि नए कानून के तहत पहला मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मोटरसाइकिल चोरी के लिए दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि नए कानून सजा के मुकाबले न्याय को प्राथमिकता देंगे।

ओडिशा पुलिस ने भी एक निजी फर्म के कर्मचारी को धमकाने के आरोप में नए कानून के तहत पहला मामला दर्ज किया है। भुवनेश्वर के लक्ष्मीसागर पुलिस स्टेशन में रुद्र प्रसाद दास की शिकायत पर बीएनएस की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

महाराष्ट्र में भी बीएनएस के तहत पहली एफआईआर सिंधुदुर्ग जिले के सावंतवाड़ी पुलिस द्वारा दर्ज की गई। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में इस बात की जानकारी दी।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के रेहरा थाना ने करंट लगने से हुई मौत के मामले में बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया। ढकिया गांव निवासी संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बिजली का तार लगाने के कारण उनके पिता की मौत हो गई।

देशभर में पुलिस अधिकारियों को नए कानून के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। राज्य के डीजीपी आलोक मोहन ने बताया कि सभी पुलिस अधिकारियों को नए कानूनों की जानकारी दी गई है और सभी नई एफआईआर बीएनएस के तहत दर्ज की जाएंगी। पहले दर्ज किए गए मामलों पर पुराने कानूनों के तहत ही मुकदमा चलता रहेगा।

झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि नए कानून से सजा दर में बढ़ोतरी होगी। झारखंड में भी सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को नए कानूनों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

नए कानूनों के लागू होने से भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। राजधानी रांची के कोतवाली थाना, पूर्वी सिंहभूम के मानगो, टेल्को और घाटशिला में भी मामले दर्ज किए गए हैं।