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सीसीएल नौकरी-मुआवजा घोटाला: चतरा के टंडवा में फर्जी दस्तावेजों से लाभ उठाने वालों की जांच अब सीआईडी के हवाले

चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र अंतर्गत पिपरवार इलाके में केंद्रीय कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) की परियोजना से जुड़े एक बड़े घोटाले की जांच अब झारखंड पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग (CID) करेगी। आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों और सीसीएल अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई लोगों को अवैध रूप से नौकरी और मुआवजा दिलाया गया। यह मामला टंडवा थाना में कांड संख्या 54/2025 के तहत दर्ज है।

इस घोटाले का खुलासा दुर्गा उरांव उर्फ दुर्गा मुंडा नामक व्यक्ति ने किया था। उन्होंने गृह सचिव और डीजीपी अनुराग गुप्ता को पत्र लिखकर मामले की गंभीरता से अवगत कराते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। उनका आरोप था कि इसमें कई प्रभावशाली लोग शामिल हैं, जिनमें सरकारी विभागों के कर्मचारी और सीसीएल के अफसर भी हैं।

जिला प्रशासन की जांच से सामने आई साजिश
शुरुआती जांच जिला प्रशासन द्वारा की गई थी। जांच में यह साफ हुआ कि कुछ लोगों ने जाली हुकुमनामा, नकली वंशावली, फर्जी जमाबंदी और बनावटी लगान रसीदें तैयार कर न केवल अधिग्रहण क्षेत्र से बाहर के लोगों को ज़मीन मालिक दर्शाया, बल्कि सीसीएल की नौकरियाँ भी दिलवा दी गईं। प्रशासन की रिपोर्ट में कहा गया कि इस गड़बड़ी में सीसीएल के कुछ अधिकारी और स्थानीय अंचल कार्यालय के कर्मचारी भी शामिल थे।

विस्थापितों के हक पर डाका, मुआवजा भी ठगा गया
सीसीएल की परियोजनाओं के तहत भूमि अधिग्रहण होने पर प्रभावित परिवारों को नौकरी और मुआवजा देने का प्रावधान है। लेकिन इस मामले में एक संगठित गिरोह ने फर्जी दस्तावेज, नकली हस्ताक्षर और जाली रिपोर्टों के जरिए खुद को विस्थापित बताया और अनुचित रूप से लाभ हासिल कर लिया। नतीजतन, असली विस्थापितों का हक छिन गया।

22 लोगों पर एफआईआर, नामजद आरोपी बनाए गए
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के लिखित बयान के आधार पर इस पूरे मामले में 22 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इनमें नुमान अंसारी, अनवर अंसारी, शगुफ्ता अंसारी, आफताब अंसारी, गोपी भुइयां, पूनम कुमारी, मनोहर राम, सूरन भुइयां, सीमा भुइयां, सरिता देवी, इस्माइल अंसारी, इब्राहिम, रिज़वान, बुधन भुइयां सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
 

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