रिश्वतखोरी में फंसे सीओ मुंशी राम को कोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

रिश्वत लेने के आरोप में जेल में बंद तत्कालीन सदर सीओ मुंशी राम की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की विशेष अदालत ने सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। दरअसल, तत्कालीन सदर सीओ मुंशी राम पर आरोप है कि उन्होंने जमीन सीमांकन के बदले शिकायतकर्ता प्रभात कुमार सिंह से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। एसीबी की टीम ने 2 जनवरी को उन्हें 37 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। अगले दिन 3 जनवरी को विशेष अदालत में पेश कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। वहीं गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम ने मुंशी राम के मोरहाबादी स्थित फ्लैट पर छापा मारा, जहां से 11.42 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। विभाग ने राज्य सरकार से आरोपी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए पीई (प्रारंभिक जांच) दर्ज करने की अनुशंसा भी की है।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि मुंशी राम को झूठे आरोप में फंसाया गया है और उन्होंने रिश्वत नहीं ली। दूसरी ओर, एसीबी के विशेष लोक अभियोजक आलोक कुमार ने विरोध जताते हुए कोर्ट को बताया कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने पाया कि आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और उन्हें जमानत देना उचित नहीं होगा। इसी आधार पर 7 जनवरी को दाखिल जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया।
