ऑनलाइन निवेश का झांसा देकर ठगी करने वाला साइबर अपराधी गिरफ्तार, थाईलैंड से चल रहा था धंधा
सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ठगी के मामले में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। टीम ने एक महिला से बेहतर निवेश के नाम पर 39 लाख रुपये की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को धनबाद से पकड़ा गया है और उसका संबंध थाईलैंड से है। महिला ने आरोपी समीर अंसारी के खिलाफ साइबर क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर दर्ज होने के 10 दिनों के भीतर ही साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने समीर अंसारी को गिरफ्तार कर लिया।
इंस्टाग्राम से शुरू हुई ठगी की कहानी
साइबर क्राइम ब्रांच के अनुसार, साइबर अपराधियों ने इंस्टाग्राम पर एक विज्ञापन के जरिए महिला को अपने जाल में फंसाया। विज्ञापन में यह दावा किया गया था कि उनके स्कीम में निवेश करने पर कम समय में उच्च रिटर्न मिलेगा। महिला ने व्हाट्सएप के जरिए "एंड विजडम इन स्टॉक" नामक ग्रुप से जुड़कर अपना पैसा निवेश कर दिया। इसके बाद, उसने "एक्युप्रो" नाम के ऐप में ट्रेडिंग अकाउंट खोला और 10 गुना मुनाफे का सपना देखा। इस बीच, साइबर अपराधियों ने महिला से 39 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए और फिर ट्रेडिंग कंपनी को बंद कर दिया। जब महिला ने संपर्क करने की कोशिश की, तो पाया कि दिए गए फोन नंबर बंद थे। तब उसे एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हुई है और उसने साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई।
मनी ट्रेल से खुला ठगी का राज
जांच के दौरान, सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला कि इस गिरोह ने हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उड़ीसा, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना और कर्नाटक में भी बड़ी संख्या में लोगों को ठगा है। केवल 10 दिनों में, इस गिरोह ने अलग-अलग राज्यों के लोगों से 90 लाख रुपये की ठगी की। डीएसपी नेहा बाला के अनुसार, जांच के दौरान सबसे पहले मनी ट्रेल की जांच की गई, जिससे पता चला कि थाईलैंड का एक व्यक्ति भारत में अपने एजेंटों के माध्यम से ठगी करवा रहा है। तकनीकी टीम की मदद से यह जानकारी मिली कि इस कांड में शामिल एक साइबर अपराधी धनबाद का रहने वाला है। धनबाद में छापेमारी कर साइबर अपराधी मोहम्मद समीर अंसारी को गिरफ्तार किया गया और उसके पास से बैंक अकाउंट डिटेल और सिम कार्ड बरामद किए गए।