विधायक जयराम महतो को Z श्रेणी सुरक्षा देने की मांग तेज, राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन
Jun 1, 2025, 19:04 IST

झारखंड के डुमरी विधानसभा सीट से विधायक और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के अध्यक्ष जयराम कुमार महतो को Z श्रेणी सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। इसी मांग को लेकर मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मिला और उन्हें एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें विधायक की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई।
पार्टी के केंद्रीय सचिव राजदेश रतन ने बताया कि हाल के दिनों में विधायक जयराम महतो के साथ कई संदिग्ध और आपत्तिजनक घटनाएं हुई हैं, जो उनकी जान को सीधा खतरा पैदा कर रही हैं। पार्टी ने इस स्थिति को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार दोनों से हस्तक्षेप की अपील की है।
राजदेश रतन ने कहा, "विधायक महतो हमेशा से भ्रष्टाचार के खिलाफ और आदिवासी, किसान व श्रमिक वर्गों के अधिकारों के पक्ष में निडरता से आवाज उठाते रहे हैं। उनके इस बेबाक रवैये से कुछ प्रभावशाली और असामाजिक तत्व उनके खिलाफ सक्रिय हो गए हैं। इन हालात में उनकी सुरक्षा अत्यंत आवश्यक हो गई है।"

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि विधायक के साथ पहले भी कई बार जानलेवा घटनाएं हो चुकी हैं। पार्टी का दावा है कि यह सब पूर्व नियोजित साज़िश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उन्हें डराना और उनकी लोकतांत्रिक आवाज को दबाना है।
क्या है Z श्रेणी सुरक्षा?
Z श्रेणी सुरक्षा में आमतौर पर 22 से 25 प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी लगाए जाते हैं और यह उन व्यक्तियों को दी जाती है, जिन्हें उच्च स्तर का खतरा होता है। पार्टी की मांग है कि विधायक महतो को भी इसी श्रेणी की सुरक्षा दी जाए, ताकि वे बिना डर के जनता की आवाज को उठा सकें।
पार्टी ने यह भी बताया कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा गया था, लेकिन अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इसी कारण राज्यपाल से अपील की गई है कि वे इस विषय को केंद्र सरकार तक प्रभावशाली ढंग से पहुंचाएं।
राजदेश रतन ने जोर देकर कहा, "यह केवल एक विधायक की सुरक्षा की मांग नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा – जनप्रतिनिधियों की आवाज की रक्षा का सवाल है। जब तक उनके जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी, वे जनता के मुद्दों को खुलकर कैसे उठा पाएंगे?"
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा को आशा है कि राज्यपाल इस मामले की गंभीरता को समझते हुए आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को निर्देशित करेंगे।