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बाबा बैद्यनाथ के तिलकोत्सव में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, मिथिलांचल से पहुंचे विशेष कांवरिए

देवघर के विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम में बसंत पंचमी का पर्व विशेष धूमधाम से मनाया गया। जहां देशभर में इस दिन मां सरस्वती की आराधना की जाती है, वहीं देवघर में यह दिन बाबा बैद्यनाथ के तिलकोत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है। इस अवसर पर मिथिलांचल से हजारों श्रद्धालु विशेष कांवर लेकर पहुंचे और बाबा का तिलक कर महाशिवरात्रि के लिए निमंत्रण दिया।

मिथिलांचल से उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
मिथिला क्षेत्र के श्रद्धालुओं की मान्यता है कि माता पार्वती मिथिला की बेटी हैं, इसलिए वे बाबा भोलेनाथ को अपना बहनोई मानते हैं। सदियों पुरानी इस परंपरा के तहत मिथिलांचल के भक्त बाबा बैद्यनाथ को तिलक लगाकर महाशिवरात्रि पर बारात लाने का निमंत्रण देते हैं। इस दौरान बाबा को भांग, धतूरा, गुलाल और धान की बालियों से पूजा जाता है।

इस बार तिलकोत्सव में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया और मंदिर में जलार्पण के लिए लगभग तीन किलोमीटर लंबी कतार देखने को मिली। भक्तों ने पारंपरिक भजन-कीर्तन करते हुए श्रद्धा के साथ बाबा को तिलक लगाया और शिव विवाह में शामिल होने का संकल्प लिया।

रविवार को भीड़ और जाम की स्थिति
तिलकोत्सव के कारण रविवार को भी देवघर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। विशेष कांवर लेकर आए मिथिलांचल के तिलकहरुए श्रद्धालुओं ने फुट ओवरब्रिज गली, पंडित शिवराम झा चौक और बीएन झा रोड पर कांवर रखकर जलार्पण किया। परंपरा के अनुसार कांवर को लांघना वर्जित होता है, जिसके कारण शहर में कई जगह जाम की स्थिति बन गई और मंदिर परिसर में सफाई कर्मियों व स्थानीय श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

बाबा बैद्यनाथ धाम में तिलकोत्सव की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और हर साल श्रद्धालुओं का यह अपार उत्साह देखने को मिलता है। अब भक्त महाशिवरात्रि पर होने वाले भव्य आयोजन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।