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धनबाद : NRHM घोटाले में प्रमोद कुमार सिंह को बड़ा झटका, अदालत ने ख़ारिज की जमानत याचिका

धनबाद में हुए एनआरएचएम घोटाले के मुख्य आरोपी प्रमोद कुमार सिंह को अदालत से करारा झटका लगा है। पीएमएलए की विशेष अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। प्रमोद ने 28 फरवरी को जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे नामंजूर कर दिया। गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसे तीन दिन की रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की थी।

इससे पहले, ईडी ने बीते महीने उसे गिरफ्तार किया था। लगातार 12 समन भेजे जाने के बावजूद जब वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुआ, तो पीएमएलए कोर्ट ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया। ईडी की जांच में यह सामने आया कि प्रमोद कुमार सिंह और शशि भूषण प्रसाद ने अपने पद का दुरुपयोग कर एनआरएचएम फंड से 9.39 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की थी।

कैसे हुआ फंड का गबन?
वर्ष 2011-12 में एनआरएचएम के तहत 6.97 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की गई थी। जब इस फंड के गबन का मामला उजागर हुआ, तो प्रमोद कुमार सिंह समेत 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। जांच में पता चला कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के लिए आवंटित धनराशि को प्रमोद ने अपने निजी खाते में ट्रांसफर करवाया और मनमाने ढंग से खर्च किया।

इतना ही नहीं, स्वास्थ्य केंद्रों के 10 अलग-अलग खातों से पैसा निकालकर प्रमोद के खाते में भेजा गया। जांच में उसकी पत्नी प्रिया सिंह के बैंक खाते में भी संदिग्ध लेनदेन की पुष्टि हुई। इस गबन के सामने आने के बाद प्रमोद कुमार सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।

ईडी की कार्रवाई में सामने आए ठोस सबूत
भ्रष्टाचार को लेकर पहले एसीबी ने जांच शुरू की थी, जिसके आधार पर ईडी ने भी मामला दर्ज किया और छानबीन शुरू की। जुलाई और अगस्त 2024 में ईडी ने कई ठिकानों पर छापेमारी की, जहां से महत्वपूर्ण दस्तावेजों के अलावा 2.17 लाख रुपये नकद बरामद हुए।

जांच में खुलासा हुआ कि प्रमोद और शशि भूषण ने एनआरएचएम के फंड का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये का गबन किया। 2 सितंबर 2024 को ईडी ने कार्रवाई तेज करते हुए प्रमोद और उसके परिवार की 1.63 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। इसके अलावा, उसकी तीन महंगी गाड़ियां भी कब्जे में ली गईं और बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया।