पूर्वी सिंहभूम: 38 पारा शिक्षक सेवा से मुक्त, शिक्षा विभाग ने इंटर सर्टिफिकेट को बताया अमान्य

पूर्वी सिंहभूम जिले में करीब दो दशकों से कार्यरत 38 पारा शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने अचानक कार्यमुक्त कर दिया है। विभाग का कहना है कि इन शिक्षकों द्वारा जमा किए गए इंटरमीडिएट के प्रमाणपत्र मान्य नहीं हैं। इन सर्टिफिकेट को फर्जी घोषित करते हुए विभाग ने गर्मी की छुट्टियों से पहले ही इन शिक्षकों को पत्र भेजकर स्कूल न आने का निर्देश जारी कर दिया।
इस कार्रवाई से जिले भर के पारा शिक्षकों में भारी आक्रोश है। प्रभावित शिक्षकों का कहना है कि जब उनकी नियुक्ति हुई थी, तब उनके प्रमाणपत्र पूरी तरह से वैध माने गए थे। अब वर्षों बाद सरकार द्वारा उन्हें अवैध ठहराया जाना अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य है।
कार्य से हटाए गए शिक्षकों में सबसे ज्यादा संख्या पोटका प्रखंड की है, जहां 10 शिक्षक कार्यरत थे। इसके अतिरिक्त जमशेदपुर से 8, मुसाबनी से 6, घाटशिला से 5, बहरागोड़ा से 3, धालभूमगढ़ से 2, और गुड़ाबांधा, डुमरिया, पटमदा एवं बोड़ाम से 1-1 शिक्षक शामिल हैं।

इन शिक्षकों ने जिन संस्थानों से प्रमाणपत्र प्राप्त किए थे, उनमें प्रयाग महिला विद्यापीठ (इलाहाबाद), भारतीय शिक्षा परिषद (उत्तर प्रदेश), राजकीय मक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (उत्तर प्रदेश), हिंदी साहित्य सम्मेलन (इलाहाबाद व प्रयाग), तथा हिंदी विद्यापीठ (देवघर) प्रमुख हैं। अब शिक्षा विभाग इन सभी संस्थानों के प्रमाणपत्रों को अमान्य घोषित कर रहा है।