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ईडी के आरोप पत्र में दावा : पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के कार्यकाल में 3000 करोड़ की वसूली

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने टेंडर कमीशन घोटाले में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, उनके पीए संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम के खिलाफ पीएमएलए के विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने आरोप पत्र में मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। चार्जशीट के मुताबिक, नेताओं और अफसरों के गठजोड़ से टेंडर के वर्क ऑर्डर आवंटन में कमीशन लिया जाता था। सभी टेंडर अपने करीबी लोगों को दिए जाते थे और इसके बदले लाखों रुपये की रिश्वत ली जाती थी। इस गिरोह में मंत्री, अधिकारी और इंजीनियर शामिल थे। कमीशन के बंटवारे के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल होता था। 

ईडी ने जनवरी में निकाले गए 92 करोड़ के 25 टेंडरों के ब्यौरे से संबंधित दस्तावेज चार्जशीट में शामिल किए हैं। इसमें उल्लेख है कि आलमगीर आलम ने इन 25 टेंडरों के बदले 1.23 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। एक व्यक्ति उमेश को 1.75 करोड़ रुपये और ऑफिस के लिए 3.46 करोड़ रुपये का भुगतान भी दर्ज किया गया है।

ईडी ने आरोप लगाया है कि आलमगीर के कार्यकाल में करीब 3000 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर वसूले गए और मनी लॉन्ड्रिंग की गई। विभागीय मंत्री के लिए विकास योजनाओं में डेढ़ प्रतिशत कमीशन निर्धारित था। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहांगीर के घर से बरामद रुपये विकास योजनाओं में बतौर कमीशन वसूले गए थे। बड़े अफसरों के लिए कमीशन की दर 0.75 से 1.50 प्रतिशत तक तय थी।