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शराब घोटाला मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, आईएएस विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के ठिकानों पर छापेमारी

रांची से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है। झारखंड में शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईएएस अधिकारी विनय चौबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की है। इसके साथ ही, ईडी की टीम छत्तीसगढ़ में भी कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में लागू किए गए शराब मॉडल का झारखंड में भी इस्तेमाल हुआ था, जिससे इस घोटाले के तार दोनों राज्यों से जुड़े हैं।

छत्तीसगढ़ में भी हो रही ईडी की कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में ईडी पहले से ही शराब घोटाले की जांच कर रही है। यहाँ शराब ठेका लेने वाली कंपनियों का संबंध झारखंड से भी जोड़ा जा रहा है। आरोपों के मुताबिक, शराब सिंडिकेट ने नीति में बदलाव कर झारखंड सहित कई राज्यों में अपना दबदबा बनाया। ईडी की टीम अब आईएएस विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के घर से दस्तावेज और डिजिटल उपकरणों की जांच कर रही है।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी
इससे पहले छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भी इस मामले में उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव विनय चौबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के साथ झारखंड में शराब आपूर्ति से जुड़े कई लोगों और कंपनियों को भी आरोपित बनाया गया है।

पहले भी हो चुकी है छापेमारी
ईडी ने पहले भी झारखंड के 7 जिलों और बंगाल के 2 जिलों समेत 33 ठिकानों पर शराब घोटाले के संबंध में छापेमारी की थी। इस दौरान वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव और शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी भी ईडी की जांच के दायरे में आए थे। योगेंद्र तिवारी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, और उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया गया था जिसमें बताया गया कि उन्होंने बालू और जमीन कारोबार से होने वाली कमाई को शराब व्यवसाय में लगाया था।