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ईडी का बड़ा खुलासा, टेंडर कमीशन में इतने प्रतिशत की थी हिस्सेदारी

 
झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को टेंडर कमीशन मामले में गिरफ्तार कर आज कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद कोर्ट ने आलमगीर आलम को 6 दिनों की रिमांड पर भेज दिया। 
सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के प्रत्येक टेंडर में आलमगीर आलम टेंडर राशि का 1.5 प्रतिशत वसूलते थे। कमीशन की राशि विभाग के सहायक अभियंता मंत्री तक पहुंचाते थे।
  
सितंबर 2022 में एक सहायक अभियंता ने मंत्री आलमगीर आलम को कमीशन के तीन करोड़ रुपये पहुंचाए थे। पूर्व में गिरफ्तार विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम ने भी अपने बयान में इसका खुलासा किया था।
छह-सात मई को हुई छापामारी में करोड़ों रुपये बरामद :
अनुसंधान के क्रम में ही ईडी ने पिछले दिनों मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल व अन्य सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। छह मई व सात मई को हुई छापेमारी में ईडी ने कुल 37.5 करोड़ रुपये की बरामदगी की थी। इनमें 32.2 करोड़ रुपये जहांगीर आलम के ठिकाने से मिले थे जो मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल का नौकर है।
उक्त राशि संजीव लाल के कहने पर ही उनके नौकर जहांगीर आलम ने विभिन्न अधिकारियों से वसूले थे। उक्त ठिकाने से सरकारी दस्तावेज भी मिले थे। संजीव लाल उस ठिकाने का उपयोग भी करते थे। बरामद राशि मंत्री आलमगीर आलम से भी संबंधित थे।
मंत्री आलमगीर आलम के रुपयों की देखभाल करते थे संजीव लाल : 
ईडी ने कोर्ट को बताया कि निजी सचिव संजीव लाल मंत्री आलमगीर आलम के कमीशन के रुपयों की देखभाल भी करते थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने 32.2 करोड़ रुपये अपने नौकर जहांगीर आलम के हरमू रोड स्थित सर सैय्यद अपार्टमेंट में रखा था।
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि इस पूरे प्रकरण में अनुसंधान जारी है। अनुसंधान में मिले तथ्यों के सत्यापन के लिए मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ की जरूरत है। इसी को आधार बनाकर ईडी ने दस दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की अनुमति मांगी थी, जिसपर ईडी को केवल छह दिनों तक पूछताछ की अनुमति मिली है।