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जिस जमीन को लेकर हुई हेमंत की गिरफ्तारी, उसी जमीन पर भानु को लेकर पहुंची ईडी की टीम

भानु को लेकर ईडी की टीम रांची के बरियातू स्थित उस जमीन पर पहुंच गई, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बताया जा रहा था। 

जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप से ईडी की टीम पिछले पांच दिनों से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। आज भी भानु से पूछताछ जारी थी, इसी दौरान अचानक भानु को लेकर ईडी की टीम रांची के बरियातू स्थित उस जमीन पर पहुंच गई, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बताया जा रहा था। 

भानु प्रताप की मदद से जमीन के दस्तावेजों में हेरफेर 
ईडी ने अदालत को दिए अपने रिमांड पीटिशन में भी बताया है कि बड़गाई अंचल के गिरफ्तार राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप के आवास से जमीन का ओरजिनल रजिस्टर बरमाद हुआ था। भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल की जांच की गई थी, जांच में यह बात सामने आयी थी कि भानु प्रताप ने साजिश रचकर जमीन के ओरिजनल रजिस्टर में हेरफेर किया और हेमंत सोरेन के नाम की इंट्री करने की थी। लेकिन ईडी ने इससे पहले ही कार्रवाई कर दी, जिसके बाद जमीन हेमंत सोरेन के कब्जे में होने के बाद भी उनके नाम पर दर्ज नहीं हो पाई।

ईडी ने लिखा है कि भानुप्रताप प्रसाद ने ओरिजनल रजिस्टर अपने पास ही रखा था ताकि जमीन की गलत इंट्री कर जमीन की लूट की जा सके। इस सिंडिकेट में कई अन्य लोगों की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले थे। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि सेना की जमीन घोटाले की जांच के दौरान भानु प्रताप प्रसाद के आवास पर 13 अप्रैल 2023 को छापा पड़ा था, तब भानु के घर से कई ट्रंक में दस्तावेज मिले थे। इस मामले में ईडी की सूचना पर एक जून 2023 को सदर थाने में केस दर्ज कराया गया था। इसी आधार पर ईडी ने जमीन घोटाले का केस दर्ज किया, जिसमें हेमंत सोरेन की भूमिका सामने आई।