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झारखंड में भ्रष्टाचार की अनुकूल परिस्थितियां, विकास की इच्छाशक्ति का अभाव : अनुराग ठाकुर

 

राजधानी रांची में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि झारखंड में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं और राज्य सरकार में निवेश लाने और विकास करने की कोई इच्छाशक्ति नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि झारखंड में निवेश क्यों नहीं आ रहा है और इसका कारण भ्रष्टाचार की अनुकूलता और विकास की कमी को बताया।

हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, "मैं बिरसा मुंडा की धरती को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड को अलग राज्य बनाने का सपना पूरा किया था, लेकिन दो दशकों बाद भी राज्य विकास की उन ऊंचाइयों को नहीं छू पाया है, जिसकी उम्मीद थी।"

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि राज्य में अक्सर बड़ी रकम की जब्ती की खबरें आती रहती हैं, जो यहां भ्रष्टाचार की व्याप्ति को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा, "हम सुनते हैं कि कभी 350 करोड़ रुपये जब्त होते हैं, कभी 25 करोड़ रुपये। अगर किसी मंत्री के पीए के ड्राइवर से 25 करोड़ रुपये जब्त होते हैं और कांग्रेस के मंत्री से 350 करोड़ रुपये, तो यह साफ दिखता है कि राज्य में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और विकास अवरुद्ध है।"

अनुराग ठाकुर ने राज्य सरकार पर रोजगार के अवसर प्रदान करने में विफल होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "उन्होंने युवाओं को पांच लाख रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन बेरोजगारी भत्ता नहीं दे पाए हैं। ऐसा लगता है कि सरकार विफल हो गई है और लोग उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए दृढ़ हैं।"

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश और असम में भाजपा सरकारों द्वारा किए गए विकास कार्यों की तारीफ की। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में 2017 से पहले यूपीए के समय भी अखिलेश यादव की सरकार ने काम रोक दिया था। लेकिन जब योगी और भाजपा की सरकार बनी तो डबल इंजन की सरकार ने राज्य की आपराधिक व्यवस्था में सुधार किया, रिकॉर्ड निवेश किया और विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। असम में भी डबल इंजन की सरकार के तहत राज्य ने नई ऊंचाइयों को छुआ है और 1000 करोड़ रुपये का निवेश आया है।"