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चारा घोटाला: 125 आरोपियों में से 52 को मिली तीन साल की सजा, 35 बरी, CBI की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला

रांची में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने ढाई दशक पुराने बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में निर्णय सुना दिया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने डोरंडा कोषागार मामले फैसला सुनाया है।  बता दें कि 21 जुलाई को इस केस से जुड़े सभी पक्ष की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 125 अरोपियों में से 35 आरोपियों को बरी कर दिया गया। 52 दोषी ऐसे हैं जिनको तीन साल की सजा सुनाई गई। अन्य पर फैसला आना बाकी है। बरी होने वाले लोगों में एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू, दीनानाथ सहाय, साकेत, हरीश खन्ना, कैलाश मनी कश्यप बरी, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, अनीता कुमारी, एकराम, मो हुसैन, सनाउल हक, सैरु निशा, चंचला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, रामावतार सिन्हा, रीमा बड़ाईक और मधु पाठक का नाम हैं। इन सभी ने निर्णय आने के बाद राहत की सांस ली है। 

125 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे

गौरतलब है कि डोरंडा कोषागार से 36.26 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में तत्कालीन आपूर्तिकर्ता और पूर्व विधायक गुलशन लाल अजमानी समेत 125 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे। यह कारनामा 1990 से 1995 के बीच हुआ था। बता दें कि चारा घोटाला मामले में 45 लोक सेवक व नौ महिला आरोपी भी शामिल हैं। मुकदमा लंबा खिंचने से 62 आरोपियों का निधन हो चुका है। केस में 38 लोक सेवक समेत 124 सप्लायर ट्रायल फेस कर रहे थे। जिनमें 16 महिलाएं भी शामिल हैं। कोर्ट ने सीबीआई द्वारा प्रस्तुत किये गये गवाहों और साक्ष्य के आधार पर कई आरोपियों को दोषी करार दिया है। जिनकी सजा पर आने वाले दिन में सुनवाई होगी। कोर्ट ने 35 आरोपियों को बरी कर दिया है।