अलकतरा घोटाले में बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन समेत पांच अभियुक्तों को मिली अस्थायी जमानत

झारखंड हाईकोर्ट ने बहुचर्चित 1997 के अलकतरा घोटाले में दोषी करार दिए गए बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन और चार अन्य को अस्थायी राहत दी है। कोर्ट ने सीबीआई की विशेष अदालत से मिली जमानत को बरकरार रखते हुए सभी अभियुक्तों को 50-50 हजार रुपये जुर्माना राशि में से जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में अपील स्वीकार कर ली है और निचली अदालत से केस से जुड़े दस्तावेज यानी लोअर कोर्ट रिकॉर्ड (एलसीआर) मंगवाए हैं।
क्या है अलकतरा घोटाला?
यह घोटाला 1997 में सामने आया था, जिसमें 510 मीट्रिक टन अलकतरे की फर्जी आपूर्ति दिखाई गई थी। असल में अलकतरा पहुंचाया ही नहीं गया, लेकिन रिकॉर्ड में इसकी आपूर्ति दिखाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। इस मामले की जांच के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने मार्च में पांच अभियुक्तों को दोषी ठहराया था।

दोषियों को मिली थी ये सजा
सीबीआई की विशेष अदालत ने इलियास हुसैन, उनके तत्कालीन सचिव शहाबुद्दीन बेक, ट्रांसपोर्टर पवन कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार अग्रवाल और विनय कुमार सिन्हा को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा सभी पर 32 लाख रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया गया था।
झारखंड हाईकोर्ट ने इन पांचों दोषियों को प्रोविजनल बेल पर रिहा करने की अनुमति दी है, जिससे वे आगे की न्यायिक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें। साथ ही, कोर्ट ने अपील की गंभीरता को देखते हुए निचली अदालत से एलसीआर मंगवाया है, जिससे मामले की पूरी जानकारी की समीक्षा की जा सके।