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पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाज़ा खटखटाया, हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुये, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका के बारे में जानकारी दी। साथ ही सिब्बल ने लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुये अदालत से इस मामले को सुनवाई हेतु तुरंत सूचीबद्ध करने की अपील की। वहीं मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वे इस अनुरोध पर विचार करेंगे। 

बताते चलें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किये जाने को कानून सम्मत बताते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। मामले में सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि हेमंत सोरेन के खिलाफ मिले सबूत और दस्तावेज झूठे नहीं लगते हैं। वहीं याचिकाकर्ता ने कहा था कि उनके दिल्ली स्थित आवास से मिले पैसे उनके हैं और उनके माता-पिता के इलाज के लिए हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह बात प्रथम दृष्टया अस्वीकार्य प्रतीत होता है। 

साथ ही हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ ईडी द्वारा की गई कार्रवाई केवल पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज बयानों पर आधारित नहीं है। इसमें उनलोगों के बयान भी हैं, जिन्होंने खुद को इन संपत्तियों का असली मालिक बताया है। कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायिक हिरासत के लिए दस्तावेजों की भरमार है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह मानना सही नहीं कि ई़डी ने बिना किसी कारण हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की है।