पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के बेटे पर राजभवन में मारपीट का आरोप, NHRC तक पहुंची शिकायत
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास के बेटे ललित कुमार पर राजभवन के एक कर्मचारी से मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा है। यह घटना पुरी स्थित राजभवन में तब हुई जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रथ यात्रा के लिए आधिकारिक दौरे पर थीं। इस घटना की लिखित शिकायत बैकुंठ प्रधान नाम के कर्मचारी ने राज्यपाल के प्रधान सचिव से की है। यह मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है।
राज्यपाल के बेटे पर क्या हैं आरोप
राजभवन के सहायक अनुभाग अधिकारी ने आरोप लगाया है कि 7 जुलाई की रात करीब 11:45 बजे, जब वे कार्यालय कक्ष में बैठे थे, तब राज्यपाल के निजी रसोइए आकाश सिंह ने आकर बताया कि राज्यपाल के बेटे ललित कुमार उनसे मिलना चाहते हैं। जब वे आकाश के साथ सूट नं-4 में ललित कुमार से मिलने गए, तो ललित कुमार ने उन्हें देखते ही डांटना और गालियां देना शुरू कर दिया और थप्पड़ मारने लगे।
ओड़िशा के राजभवन के कर्मचारी की पूरी चिट्ठी का हिन्दी अनुवाद:
सेवा में,
माननीय राज्यपाल के प्रधान सचिव,
राज्यपाल सचिवालय, ओडिशा, भुवनेश्वर
**विषय:** माननीय राज्यपाल के पुत्र श्री ललित कुमार और अन्य (कुल 6 व्यक्तियों) द्वारा की गई मारपीट और शारीरिक चोट
महोदय,
मैं, बैकुंठ प्रधान, सहायक अनुभाग अधिकारी, संसदीय कार्य विभाग, वर्तमान में राज्यपाल के घर पर तैनात, आपको 07 जुलाई 2024 की रात को राज भवन, पुरी में माननीय राज्यपाल के पुत्र श्री ललित कुमार और अन्य (कुल 6 व्यक्तियों) द्वारा किए गए इस दुर्भाग्यपूर्ण और जीवन के लिए खतरनाक घटना को बताना चाहता हूँ।
राज भवन, पुरी का प्रभारी होने के नाते, मैं 05.07.2024 से राज भवन, पुरी में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की 07 और 08 जुलाई 2024 की यात्रा/ठहराव की तैयारी की निगरानी के लिए था। राष्ट्रपति की यात्रा 07.07.2024 को बहुत सुचारू रूप से चल रही थी। हालाँकि, उस रात करीब 11.45 बजे, जब मैं कार्यालय कक्ष में बैठा था, श्री आकाश सिंह (माननीय राज्यपाल के निजी रसोइए) ने आकर बताया कि माननीय राज्यपाल के पुत्र श्री ललित कुमार अभी मुझसे मिलना चाहते हैं। मैं श्री आकाश के साथ सूट नं-4 में श्री ललित कुमार से मिलने गया। जैसे ही श्री ललित कुमार ने मुझे देखा, उन्होंने मुझे असंसदीय भाषा में डांटना शुरू कर दिया और अत्यधिक आपत्तिजनक गालियों का उपयोग किया। जब मैंने इस अपमान का विरोध किया, तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। असहाय महसूस करते हुए, मैं कमरे से बाहर भागा और एनेक्स भवन के पीछे छिप गया। हालाँकि, श्री ललित कुमार के दो पीएसओ मेरे स्थान का पता लगा सके और मुझे लिफ्ट के माध्यम से कमरे नं. 4 में खींच ले गए। वहाँ उपस्थित सुरक्षा कर्मियों और अन्य लोगों ने इस घटना को देखा। उन्होंने फिर से मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया, मेरे चेहरे पर घूंसे मारे, मेरे शरीर के हर हिस्से पर लात मारी और मेरे बाएं टखने को मोड़ दिया। श्री ललित कुमार यह कहते रहे कि अगर वे मुझे मार डालते हैं, तो कोई भी मुझे नहीं बचा सकता, न तो नियंत्रक और न ही कोई और। यद्यपि उपरोक्त घटना को मौखिक रूप से 08 जुलाई 2024 को शाम 04.30 बजे समझाया गया था, मैं इस पत्र को आपके संदर्भ के लिए दस्तावेजी साक्ष्य के साथ मेल कर रहा हूँ।
उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, मैं आपसे विनती करता हूँ कि कृपया मुझे न्याय दें और अपराधी को दंडित करें क्योंकि मुझे शारीरिक चोटें आई हैं, गंभीर रूप से अपमानित किया गया है और मानव गरिमा का नुकसान हुआ है, जिसके लिए मैं आपको अत्यधिक आभारी रहूँगा।
आपका विश्वासी,
(हस्ताक्षर)
बैकुंठ प्रधान
10.07.2024
सहायक अनुभाग अधिकारी,
राज्यपाल सचिवालय, ओडिशा
जान से मारने की धमकी?
बैकुंठ दास ने आरोप लगाया कि ललित कुमार ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और एनेक्सी में छिपने के बाद भी उन्हें पीएसओ के जरिए ढूंढ कर लाया गया और मारपीट की गई। बैकुंठ दास ने इस घटना की आधिकारिक शिकायत की है।
ओडिशा के सरकारी कर्मचारियों में भारी नाराजगी
इस घटना के बाद ओडिशा सेक्रेटेरियट सर्विस एसोसिएशन ने आपत्ति दर्ज कराई और सख्त कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया पर रघुवर दास के बेटे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि शिकायत के बाद भी पुलिस ने एफआईआर नहीं की है।
एफआईआर क्यों नहीं?
माना जा रहा है कि रघुवर दास और उनके बेटे के खिलाफ ओडिशा के कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है। सोशल मीडिया पर इसे ओडिशा की अस्मिता से जोड़ कर देखा जा रहा है और सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। खासतौर से एफआईआर नहीं करने से कर्मचारी संघ नाराज है।