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रांची पहुंचे गौतम अडाणी, हेमंत सोरेन से की मुलाकात, निवेश और परियोजनाओं पर हुई चर्चा

 

अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी और ग्रुप के एमडी राजेश अडाणी शुक्रवार शाम अचानक रांची पहुंचे। वे एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवासीय कार्यालय गए, जहां उनकी मुख्यमंत्री के साथ करीब दो घंटे लंबी बैठक हुई। इस अनौपचारिक मुलाकात के पीछे के कारणों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, बैठक को राज्य में ग्रुप के निवेश और परियोजनाओं से जुड़ी बातचीत के रूप में देखा जा रहा है।

बैठक के दौरान झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव अलका तिवारी और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार भी मौजूद रहे। अडाणी ग्रुप की झारखंड में कई प्रमुख परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें गोड्डा पावर प्लांट, सीमेंट प्लांट और हजारीबाग के गोंदलपुरा कोल ब्लॉक जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं।

गोंदलपुरा कोल ब्लॉक पर अड़चनें दूर करने की मांग
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बैठक में गोंदलपुरा कोल ब्लॉक परियोजना में आ रही बाधाओं को दूर करने पर चर्चा हुई। यह कोल ब्लॉक अडाणी ग्रुप के लिए झारखंड में सबसे महत्वपूर्ण निवेशों में से एक है, लेकिन इसे लेकर लंबे समय से विवाद जारी है। इस परियोजना के लिए कुल 513.18 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की गई है, जिसमें 200 हेक्टेयर से अधिक हिस्सा वन क्षेत्र में आता है। परियोजना के लिए जरूरी क्षतिपूर्ति और अन्य प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने के लिए अडाणी ग्रुप ने राज्य सरकार से सहयोग की मांग की है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा 2020 में कोयला ब्लॉकों की नीलामी के दौरान अडाणी ग्रुप को यह ब्लॉक आवंटित किया गया था। इसमें अनुमानित रूप से 17.6 करोड़ टन कोयले का भंडार मौजूद है।

झारखंड को बिजली आपूर्ति पर भी हुई चर्चा
राज्य में अडाणी ग्रुप की सबसे बड़ी परियोजना गोड्डा पावर प्लांट है, जहां से 1600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इस बिजली का बड़ा हिस्सा बांग्लादेश को निर्यात किया जाता है, लेकिन झारखंड को भी इस परियोजना से 400 मेगावाट बिजली मिलनी थी, जो अभी तक राज्य को नहीं मिल पाई है। बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई और अडाणी ग्रुप ने स्पष्ट किया कि झारखंड को उसकी हिस्सेदारी की बिजली किसी अन्य प्लांट से भी उपलब्ध कराई जा सकती है। इस पर अंतिम निर्णय जल्द ही राज्य सरकार द्वारा लिया जाएगा। इसके अलावा, गोड्डा में प्रस्तावित सीमेंट प्लांट को लेकर भी बातचीत हुई। इस परियोजना को जल्द शुरू करने के लिए अडाणी ग्रुप ने सरकार से समर्थन मांगा है।