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झारखंडवासियों के लिये खुशखबरी! राज्य के इन तीन शहरों में दौड़ेगी मेट्रो

झारखंडवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य में जल्द ही मेट्रो सेवा की शुरुआत हो सकती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची, धनबाद और जमशेदपुर में मेट्रो रेल परियोजना लागू करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव शहरी विकास और आवास मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव को प्रेषित किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने इन तीन शहरों में मेट्रो परियोजना के कार्यान्वयन, व्यवहार्यता अध्ययन (फिजिबिलिटी स्टडी) और मार्ग निर्धारण (एलाइनमेंट सर्वे) कराने का अनुरोध किया है। साथ ही केंद्र से आग्रह किया गया है कि वह इस परियोजना को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करे, ताकि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर इसे आगे बढ़ाया जा सके।

सूत्रों के मुताबिक, 10 जुलाई को आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से रांची में मेट्रो सेवा शुरू करने की मांग रखी थी। इस बैठक के अगले ही दिन, यानी 11 जुलाई को, मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने केंद्र सरकार को संबंधित प्रस्ताव भेज दिया।

प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य सरकार बढ़ते ट्रैफिक और पर्यावरणीय संकट को ध्यान में रखते हुए टिकाऊ शहरी परिवहन विकल्पों की तलाश कर रही है, जिनमें मेट्रो प्रणाली एक महत्वपूर्ण समाधान के रूप में देखी जा रही है। जैसे-जैसे शहरीकरण की गति तेज हो रही है और निजी वाहनों की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे ट्रैफिक जाम की समस्या भी गंभीर होती जा रही है। इस स्थिति में मेट्रो एक सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन साधन बन सकता है।

मेट्रो परियोजना के संभावित फायदे:

  • सड़क यातायात पर दबाव में कमी आएगी
  • प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन में गिरावट, जिससे स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर
  • ग्रेड-सेपरेटेड कॉरिडोर से शहरी सुरक्षा में सुधार
  • समय और यात्रा खर्च में बचत, बेहतर यात्रा अनुभव
  • रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को मिलेगा प्रोत्साहन
  • आधुनिक शहरी योजना और बुनियादी ढांचे से जीवन गुणवत्ता में इजाफा

राज्य सरकार इस परियोजना के अंतर्गत ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) को भी अपनाने का विचार कर रही है, जिससे उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों में बेहतर भूमि उपयोग और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया गया है कि पटना और भुवनेश्वर जैसे शहरों में मेट्रो रेल की सफलता यह साबित करती है कि यह व्यवस्था द्वितीय श्रेणी के शहरों में भी शहरी परिवहन को एक नई दिशा दे सकती है।

झारखंड सरकार भी इसी मॉडल को अपनाने की योजना बना रही है। सरकार मेट्रो रेल नीति 2017 के सभी मापदंडों को पूरा करने के लिए तैयार है। इस नीति में कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी), सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और मूल्य अधिग्रहण वित्तपोषण (वीसीएफ) जैसे विकल्प शामिल हैं, जो परियोजना की सफलता में सहायक हो सकते हैं।