108 एंबुलेंस सेवा में लापरवाही पर फूटा स्वास्थ्य विभाग का गुस्सा, 20 लाख जुर्माना और टर्मिनेशन की चेतावनी

झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली 108 एंबुलेंस सेवा की बदहाली पर स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने डोरंडा स्थित 108 एंबुलेंस के कॉल सेंटर का अचानक दौरा किया। इस निरीक्षण में उन्हें कई खामियां नजर आईं।
अजय कुमार सिंह ने पाया कि पूर्व में दिए गए निर्देशों को एजेंसी ने गंभीरता से नहीं लिया है। कॉल सेंटर में सॉफ्टवेयर को अब तक अपडेट नहीं किया गया था, जिससे एंबुलेंस लोकेशन और कॉल ट्रैकिंग में दिक्कत आ रही थी। मॉनिटरिंग की कमजोर व्यवस्था के कारण मरीजों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल रही थी, जिससे आपातकालीन स्थितियों में गंभीर परिणाम हो सकते थे।

इस लापरवाही को देखते हुए अपर मुख्य सचिव ने एजेंसी पर दो अलग-अलग मामलों में 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। एक जुर्माना सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं करने पर और दूसरा देरी से एंबुलेंस भेजने के लिए लगाया गया। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि व्यवस्था में शीघ्र सुधार नहीं हुआ, तो एजेंसी का अनुबंध रद्द कर दिया जाएगा।
एंबुलेंस सेवा को मिलेगा डिजिटल अपग्रेड
राज्य सरकार अब 108 एंबुलेंस सेवा को टेक्नोलॉजी से लैस कर ओला-उबर की तरह स्मार्ट बनाना चाहती है। इसके लिए सॉफ्टवेयर को उन्नत किया जाएगा, जिससे कॉल सेंटर से सभी एंबुलेंस की लोकेशन, ट्रिप डिटेल्स और अनुमानित पहुंच समय को लाइव ट्रैक किया जा सकेगा।
नई प्रणाली में कॉल सेंटर को एक विशाल वीडियो वॉल से जोड़ा जाएगा, जिस पर राज्य की सभी एंबुलेंस की स्थिति एक साथ नजर आएगी। इससे न सिर्फ मॉनिटरिंग सटीक होगी, बल्कि मरीजों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाने में भी सहायता मिलेगी। अजय कुमार सिंह ने दो टूक कहा कि 108 सेवा को हर हाल में बेहतर बनाना ही प्राथमिकता है, ताकि आपात स्थिति में लोगों को त्वरित इलाज मुहैया कराया जा सके।