अकेले शपथ लेंगे हेमंत सोरेन, मंत्रिमंडल विस्तार में माले की एंट्री पर सस्पेंस
झारखंड में 28 नवंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में उनके साथ किसी अन्य विधायक को शपथ नहीं दिलाई जाएगी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने पुष्टि की है कि मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा।
29 नवंबर को गठबंधन बैठक में होगा फैसला
मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर 29 नवंबर को गठबंधन दलों की बैठक तय की गई है। इस बार चर्चा है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) सरकार में शामिल होना चाहती है। माले के दो विधायक, अरूप चटर्जी (निरसा) और आनंद महतो (सिंदरी) इस बार विधानसभा चुनाव में विजयी हुए हैं। हालांकि, माले को गठबंधन में शामिल करना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के लिए बड़ी चुनौती है।
माले की एंट्री से समीकरण मुश्किल
कांग्रेस और आरजेडी की सीमित संख्या को देखते हुए माले को गठबंधन में जगह देना आसान नहीं है। माले के लिए जगह बनाने के लिए जेएमएम को अपने कोटे से संतुलन बिठाना होगा। माले फिलहाल मुख्यमंत्री की ओर से सरकार में शामिल होने के औपचारिक प्रस्ताव का इंतजार कर रही है। प्रस्ताव मिलने पर पार्टी की केंद्रीय कमेटी अंतिम फैसला लेगी।
2019 के उलट इस बार माले को सरकार में भूमिका चाहिए
2019 में माले के विधायक विनोद सिंह ने बगोदर सीट से जीत दर्ज की थी और सरकार को बाहर से समर्थन दिया था। लेकिन इस बार माले के विधायक अरूप चटर्जी और आनंद महतो सरकार में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं, जिससे मंत्रिमंडल के स्वरूप पर पेच फंस गया है।
27 नवंबर को दिल्ली में होगा अंतिम मंथन
कांग्रेस 27 नवंबर को दिल्ली में झारखंड के चुनावी परिणामों पर बैठक करेगी। इसमें यह तय हो सकता है कि हेमंत मंत्रिमंडल में कौन-कौन शामिल होगा। सूत्रों की मानें तो कैबिनेट में जेएमएम कोटे से 6, कांग्रेस कोटे से 4, और आरजेडी कोटे से 1 मंत्री बनाए जा सकते हैं। यदि माले को सरकार में शामिल करना हुआ, तो उसे जेएमएम कोटे से ही जगह मिल सकेगी।