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हेमंत सरकार पर हिमंता बिस्वा सरमा का बड़ा हमला, कहा–युवाओं की मौत के लिए जिम्मेदार है सरकार, राष्ट्रीय मानवाधिकार में करेंगे शिकायत

असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड में हो रही घटनाओं पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि झारखंड में हर दिन नई चुनौतियां उभर रही हैं, जिसमें बांग्लादेशी घुसपैठ और वादा खिलाफी जैसे मुद्दे शामिल हैं। 
उन्होंने राज्य में चल रही पुलिस और अन्य बलों की बहाली प्रक्रिया में गड़बड़ियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगस्त 2023 में उत्पाद सिपाही भर्ती के लिए फॉर्म भरे गए थे, लेकिन शारीरिक परीक्षा एक साल बाद, अगस्त 2024 में आयोजित की गई। इस दौरान गर्मी के कारण 15 से अधिक युवाओं की मृत्यु हो चुकी है। 
सरमा ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शारीरिक परीक्षा के दौरान मौतें पहले कभी नहीं देखी गईं, चाहे वह सेना हो, CISF या पुलिस की बहाली। इस पूरे मामले की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जांच करवाने की मांग की जाएगी। साथ ही, उन्होंने झारखंड सरकार से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने की मांग की। 
भाजपा की ओर से यह भी कहा गया कि शारीरिक परीक्षाओं को रोकने और उन्हें एक सुरक्षित मौसम में आयोजित करने का आग्रह किया जाएगा। सरमा ने सुझाव दिया कि दौड़ से पहले छात्रों को दूध और फल दिए जाएं, और जिन छात्रों को रात में आना पड़ता है, उनके लिए आराम और भोजन की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार 7 दिनों में कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो भाजपा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत करेगी। साथ ही, जब भाजपा सत्ता में आएगी, तो सभी पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का काम किया जाएगा।
असम के मुख्यमंत्री ने झारखंड सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य के पास पर्याप्त संसाधन होने के बावजूद, सरकार युवाओं के जीवन को सुरक्षित रखने में असफल रही है। भाजपा राज्य के युवाओं की जान बचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
वहीं हिमंता बिस्वा सरमा ने "मइयां योजना" पर भी कहा कि अक्टूबर में भाजपा इस योजना से भी बड़ी योजना लाएगी।