सख्ती के मूड में राजस्व विभाग, निबंधन कार्यालयों की निगरानी बढ़ी, IT और ED के पत्रों पर खास नजर

राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्य भर के निबंधन कार्यालयों की निगरानी व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने की पहल शुरू कर दी है। विभाग ने सभी जिला अवर निबंधकों को निर्देशित किया है कि वे समय-समय पर कार्यालयों का निरीक्षण कर उसकी विस्तृत रिपोर्ट विभाग को सौंपें।
नए निर्देशों के तहत, कार्यालयों में रखे जाने वाले अभिलेखों और पंजियों की स्थिति, शुल्क बही, विवाह रजिस्टर, रोकड़ बही और मुवमेंट रजिस्टर जैसी जरूरी व्यवस्थाओं के अद्यतन और सुव्यवस्थित रखरखाव को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए विभाग द्वारा एक विशेष प्रारूप (प्रपत्र) तैयार किया गया है, जिसमें सभी कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करनी होगी।

सबसे अहम बात यह है कि अब रिपोर्ट में आयकर विभाग (IT) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से प्राप्त पत्रों पर की गई कार्रवाई का पूरा ब्योरा देना होगा। सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख करना अनिवार्य होगा कि इन केंद्रीय एजेंसियों की ओर से प्राप्त पत्रों पर क्या कदम उठाए गए हैं।
साथ ही, कार्यालयों की अंकेक्षण रिपोर्टों का अनुपालन, लंबित न्यायिक मामले, कम निबंधन अथवा कम मुद्रांक शुल्क के कारण हुए संभावित राजस्व नुकसान की जानकारी भी देनी होगी। इसके अलावा भवन की स्थिति और CCTV निगरानी व्यवस्था की वर्तमान दशा का ब्योरा भी रिपोर्ट का हिस्सा रहेगा।
उल्लेखनीय है कि बीते कुछ समय में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमीन से जुड़े मामलों की छानबीन में निबंधन कार्यालयों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे हैं। वहीं आयकर विभाग (IT) द्वारा भी कई प्रकरणों में संपत्ति और आय के बीच असमानता को लेकर जांच की जा रही है। ऐसे में इन पत्रों पर त्वरित और गंभीर कार्रवाई सुनिश्चित करने पर विभाग ने विशेष ध्यान केंद्रित किया है।