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झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाला: अब सीबीआई करेगी मामले की जांच, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड विधानसभा नियुक्ति गड़बड़ी मामले में दायर जनहित याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। कोर्ट ने माना कि इस मामले की गहराई से जांच करने के लिए सीबीआई सबसे उपयुक्त एजेंसी है।

इससे पहले सभी पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। इस दौरान प्रार्थी ने सरकार द्वारा दायर जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की रिपोर्ट के कई बिंदुओं पर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया था। राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया था कि जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की रिपोर्ट को कानूनी मान्यता नहीं दी जा सकती, क्योंकि इसे राज्य सरकार के बजाय सीधे राज्यपाल को सौंपा गया था। इस वजह से रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर समय पर नहीं रखा जा सका। रिपोर्ट की त्रुटियों को देखते हुए जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में एक नया आयोग बनाया गया था, जिसकी रिपोर्ट को सरकार ने स्वीकार किया और इसे विधानसभा में पेश किया। जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की रिपोर्ट को ही अंतिम रिपोर्ट माना गया है।

प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट को बताया कि विधानसभा स्पीकर खुद इस मामले की जांच कमेटी के सदस्य थे, लेकिन उनकी रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि उन्हें जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की रिपोर्ट के साथ कोई अन्य दस्तावेज नहीं सौंपे गए थे। मामले में शिव शंकर शर्मा ने जनहित याचिका दाखिल की थी। उनका आरोप है कि 2018 में राज्यपाल द्वारा एक्शन के निर्देश दिए जाने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे गलत तरीके से नियुक्त अधिकारी रिटायर हो जाएंगे। अब सीबीआई इस मामले की जांच करेगी।