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झारखंड विधानसभा चुनाव: चुनाव आयोग के साथ बैठक में प्रमुख दलों ने दिये अपने सुझाव, जानें

चुनाव आयोग ने आज रांची में विभिन्न प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें आसन्न झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए तैयारियों पर चर्चा की गई। इस बैठक में तीन क्षेत्रीय और छह राष्ट्रीय दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें कांग्रेस, भाजपा और झामुमो प्रमुख थे। दलों ने अपने सुझाव आयोग के समक्ष रखे, ताकि चुनाव निष्पक्ष और सुचारू ढंग से संपन्न हो सके।

कांग्रेस ने मांगी निष्पक्ष चुनाव की गारंटी
कांग्रेस की ओर से विनय कुमार दीपू और शशिभूषण राय ने बैठक में भाग लिया। उन्होंने मांग की है कि झारखंड में जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं। साथ ही उन्होंने कई अन्य सुझाव भी दिए, जिनमें प्रमुख हैं:

-75 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं, 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों और बीमार मतदाताओं के लिए विशेष मतदान व्यवस्था।

-1500 मतदाताओं वाले बूथों को विभाजित किया जाए।

-छठ महापर्व और बिरसा जयंती के बाद एक ही चरण में चुनाव कराया जाए।

-भाजपा के बड़े नेताओं को उन्माद फैलाने से रोका जाए और उनके प्रचार पर नियंत्रण रखा जाए।

झामुमो ने समय पर चुनाव और सुरक्षा की मांग रखी
सत्ताधारी दल झामुमो की ओर से सुप्रियो भट्टाचार्य ने आयोग से मांग की कि झारखंड विधानसभा चुनाव जल्द कराने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन यदि जल्दी कराना हो तो बिरसा जयंती से पहले चुनाव संपन्न हो ताकि राज्य 'झारखंड निर्माण दिवस' मना सके। उन्होंने राज्य के दुर्गम इलाकों में केंद्रीय बलों के साथ-साथ राज्य पुलिस की भी तैनाती की मांग की ताकि चुनाव के दौरान मतदाताओं को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

साथ ही, झामुमो ने मतगणना की वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा देने, मतदान केंद्रों तक सरकार द्वारा मतदाताओं को पहुंचाने के साधन उपलब्ध कराने, और ईवीएम मशीनों की क्रमांक संख्या सार्वजनिक करने की मांग की।

भाजपा ने फर्जी मतदाताओं पर उठाए सवाल
राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने झारखंड विधानसभा चुनाव को कम से कम चरणों में संपन्न कराने का सुझाव दिया। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद और विधि प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुधीर श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि 3 साल या उससे अधिक समय से पदस्थ अधिकारियों का तबादला किया जाए और जो अधिकारी राजनीतिक दलों के लिए काम कर रहे हैं, उनका भी स्थानांतरण किया जाए।

भाजपा ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों की जांच की मांग करते हुए कहा कि फर्जी मतदाताओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जो कि चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करती है। इसके साथ ही, पर्व-त्योहारों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख तय करने की भी मांग रखी। चुनाव आयोग ने सभी दलों के सुझावों पर विचार करते हुए चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए आश्वासन दिया है।