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झारखंड कैबिनेट की बैठक संपन्न, 10 प्रस्तावों पर लगी मुहर

 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक संपन्न हो चुकी है, जिसमें कुल 10 प्रमुख प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई। इन फैसलों का सीधा असर राज्य के लाखों लोगों पर पड़ेगा, खासकर आउटसोर्स कर्मियों और स्कूली छात्रों पर।

आउटसोर्स कर्मियों को अब मिलेगा स्थायित्व और सुरक्षा
सरकार ने झारखंड मैनपॉवर आउटसोर्सिंग रेगुलेशन को स्वीकृति दे दी है। इसके तहत किसी भी कर्मी को अब न्यूनतम 5 वर्षों के लिए आउटसोर्स पर नियुक्त किया जाएगा और ज़रूरत पड़ने पर सेवा अवधि को 3 साल तक बढ़ाया जा सकेगा।
इसके अलावा—

  • हर वर्ष 3% वेतनवृद्धि दी जाएगी।
  • सर्विस प्रोवाइडर को कर्मियों को न्यूनतम वेतन देना अनिवार्य होगा।
  • वेतन निर्धारण के लिए एक स्वतंत्र समिति बनाई जाएगी।
  • नियुक्तियों में आरक्षण नीति का सख्ती से पालन किया जाएगा।
  • जैप-आईटी में ‘गिरिवांस सेल’ का गठन होगा।
  • सभी आउटसोर्स कर्मियों को ₹4 लाख तक का दुर्घटना बीमा मिलेगा।

अल्पसंख्यक विद्यालयों के छात्रों को मुफ्त किताबें और कॉपी
राज्य में मान्यता प्राप्त मदरसे और संस्कृत विद्यालयों में नवमी व दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अब सरकार की ओर से निशुल्क पाठ्यपुस्तकें और कॉपियां मिलेंगी। इस योजना पर सालाना 4.84 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और करीब 41,755 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

सरकारी स्कूलों में पढ़ाई को मिलेगा नया ज़ोर
सरकारी विद्यालयों के छात्रों को अब विज्ञान आधारित पत्रिकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी—

  • नवमी से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को साइंस पत्रिकाएं दी जाएंगी।
  • 11वीं और 12वीं के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मासिक पत्रिकाएं भी दी जाएंगी।

जल संरक्षण के लिए आयोग का गठन
कैबिनेट ने झारखंड जल संरक्षण आयोग के गठन की भी स्वीकृति दी है।

  • इसका कार्यकाल दो वर्ष का होगा।
  • विकास आयुक्त आयोग के अध्यक्ष होंगे और विभागीय सचिव सदस्य सचिव के रूप में काम करेंगे।
  • इसमें तकनीकी विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा।

 

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